कांग्रेस पार्टी ने आगामी मॉनसून सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने का फैसला किया है जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। पार्टी पाहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR), जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती अत्याचारों जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग करेगी। किसानों की समस्याएं, बढ़ती बेरोजगारी, देश की सुरक्षा और अहमदाबाद विमान दुर्घटना जैसे विषय भी सत्र में उठाए जाएंगे। यह निर्णय मंगलवार को कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक इस पर विशेष सत्र की मांग कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि हमले के जिम्मेदार आतंकियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई और पाहलगाम में खुफिया व सुरक्षा व्यवस्था में विफलता के लिए जिम्मेदार कौन है। तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था लेकिन अचानक युद्धविराम की घोषणा कर दी गई जिस पर सरकार को जवाब देना होगा।
हरियाणा-महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा और महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या की गई और अब बिहार में मतदाता सूची के विशेष संशोधन से लोकतंत्र को खतरा पैदा हो रहा है। तिवारी ने कहा कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया ने चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा किया है। इस मुद्दे पर भी संसद में चर्चा की मांग की जाएगी। पार्टी का कहना है कि सरकार को इन सभी गंभीर मुद्दों पर जवाब देना होगा।
ट्रंप के दावे पर भी उठाया है सवाल
कांग्रेस नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने 22 बार कहा कि उन्होंने युद्धविराम करवाया। तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के इन दावों का एक बार भी खंडन नहीं किया जो चिंताजनक है। कांग्रेस इस सत्र में यह सवाल भी उठाएगी कि आतंकी कहां हैं और पाहलगाम जैसे हमले को रोकने में विफलता के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।





