प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान और चीन यात्रा की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारत को चीन के साथ संबंध सामान्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव का फायदा उठाने की चीनी चाल है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह यात्रा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, लेकिन यह चीन की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने हाल के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान चीन और पाकिस्तान की कथित साठगांठ का भी जिक्र किया, जिसे भारतीय सेना ने स्वयं उजागर किया था।
जयराम रमेश ने लद्दाख सीमा विवाद के बाद से भारत-चीन संबंधों में आई नाजुक स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने 2020 के भारत-चीन गतिरोध के दौरान मोदी के उस बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था, “न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।” रमेश ने इसे विचित्र और कायरतापूर्ण करार देते हुए कहा कि इस बयान ने बातचीत की मेज पर भारत की स्थिति को कमजोर किया। कांग्रेस का दावा है कि मोदी की यह यात्रा उसी कुख्यात बयान का परिणाम है।
अशांति को नजरअंदाज कर रहे
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी घरेलू मुद्दों, खासकर मणिपुर में चल रहे अशांति को नजरअंदाज कर रहे हैं। रमेश ने कहा कि जब प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर हैं, मणिपुर के लोग मई 2023 के घावों को भरने के लिए उनकी यात्रा का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने मोदी के बार-बार विदेश यात्राओं पर जाने को विडंबनापूर्ण बताया, जो सरकार की विदेश नीति की महत्वाकांक्षाओं और घरेलू वास्तविकताओं के बीच बड़े अंतर को दर्शाता है।
संबंधों को मजबूत करना मकसद
पीएम मोदी की जापान यात्रा का उद्देश्य भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करना है, साथ ही राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देना है। वहीं, तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी मुलाकात का फोकस गतिरोध के बाद तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने पर होगा।





