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Fri, Dec 19, 2025

ड्रैगन के आगे घुटने टेक रहे हाथी, पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बातचीत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

Written by:Mini Pandey
Published:
जयराम रमेश ने दावा किया कि पीएम मोदी ने पहले भी 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट दी थी और अब 31 अगस्त, 2025 को तिआनजिन में उनकी कायराना झुकने की वजह से यह दिन भी बदनामी के रूप में याद किया जाएगा।
ड्रैगन के आगे घुटने टेक रहे हाथी, पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बातचीत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तिआनजिन में हुई बातचीत के बाद केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर चीन-पाकिस्तान के संबंधों को नजरअंदाज करने और बीजिंग को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। रमेश ने कहा कि भारत लंबे समय से चीन पर आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन अब पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। उन्होंने इसे तथाकथित ड्रैगन के सामने तथाकथित हाथी का समर्पण करार दिया।

जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान की साझेदारी पर पूरी तरह चुप रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों द्वारा इस समन्वय का खुलासा किया गया था, फिर भी पीएम ने इस मुद्दे को शी जिनपिंग के सामने नहीं उठाया। रमेश ने इसे राष्ट्र-विरोधी कदम बताते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय हितों के साथ विश्वासघात है।

चीन को क्लीन चिट

जयराम रमेश ने दावा किया कि पीएम मोदी ने पहले भी 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट दी थी और अब 31 अगस्त, 2025 को तिआनजिन में उनकी कायराना झुकने की वजह से यह दिन भी बदनामी के रूप में याद किया जाएगा। यह टिप्पणी पीएम मोदी के 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन दौरे के संदर्भ में आई है, जो 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद उनकी पहली चीन यात्रा थी।

सीमा पर शांति और स्थिरता

विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से स्पष्ट रूप से कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता भारत-चीन संबंधों के लिए एक बीमा पॉलिसी की तरह है। उन्होंने कहा कि सीमा की स्थिति का द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ता है और भारत इस स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय से चल रहे सीमा गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से बनाने पर केंद्रित व्यापक बातचीत की।