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Tue, Dec 16, 2025

इथेनॉल प्रोत्साहन को लेकर गडकरी पर हितों के टकराव का आरोप, कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने क्या कहा

Written by:Mini Pandey
Published:
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस केवल मीडिया में आरोप लगाती है, लेकिन अदालतों या संबंधित विभागों में कोई सबूत पेश नहीं करती।
इथेनॉल प्रोत्साहन को लेकर गडकरी पर हितों के टकराव का आरोप, कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने क्या कहा

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया, जिससे उनके बेटों से जुड़ी कंपनियों को फायदा हुआ। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि गडकरी 2014 से इथेनॉल उत्पादन के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे हैं और उनके बेटों की कंपनियां, सियान एग्रो इंडस्ट्रीज और मानस एग्रो इंडस्ट्रीज, इथेनॉल उत्पादन में शामिल हैं। खेड़ा ने आरोप लगाया कि सियान एग्रो की आय जून 2024 में 18 करोड़ रुपये से बढ़कर जून 2025 में 523 करोड़ रुपये हो गई और इसका शेयर मूल्य 2184% बढ़ गया।

कांग्रेस ने दावा किया कि सरकार की 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी-20) नीति ने आम लोगों को नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि इससे वाहनों की माइलेज कम हुई, रखरखाव लागत बढ़ी और पेट्रोल की कीमतें 2014 के 71.41 रुपये प्रति लीटर से 2025 में 94.77 रुपये प्रति लीटर हो गईं। खेड़ा ने गडकरी के 2018 के दावे को जुमला करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इथेनॉल से पेट्रोल 55 रुपये प्रति लीटर और डीजल 50 रुपये प्रति लीटर होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इथेनॉल उत्पादन के लिए 3000 लीटर पानी प्रति लीटर की खपत होती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

कांग्रेस की तुलना आम आदमी पार्टी से

बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस की तुलना आम आदमी पार्टी से की, जो बिना सबूत के दावे करती है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस केवल मीडिया में आरोप लगाती है, लेकिन अदालतों या संबंधित विभागों में कोई सबूत पेश नहीं करती। उन्होंने कांग्रेस से जीएसटी सुधारों जैसे रचनात्मक मुद्दों पर चर्चा करने को कहा।

इथेनॉल नीति किसानों की समृद्धि के लिए

पवन खेड़ा ने सरकार से सवाल पूछा कि क्या इथेनॉल नीति किसानों की समृद्धि के लिए थी या यह गडकरी के बेटों और उनकी कंपनियों के लिए लाभकारी साबित हुई? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या लोकपाल गडकरी और उनके बेटों के खिलाफ आरोपों की जांच करेगा और 2014 से अब तक 38.89 लाख करोड़ रुपये के ईंधन उपकर के बाद भी आम लोगों को राहत क्यों नहीं मिली।