संसद के मॉनसून सत्र के छठे दिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की विशेष चर्चा होने वाली है। इस चर्चा से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पत्रकारों से बातचीत में मुस्कुराते हुए मौनव्रत, मौनव्रत कहकर संकेत दिया कि वे इस बहस में हिस्सा नहीं लेंगे। थरूर ने हाल ही में एक बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के सीमा पार आतंकवाद विरोधी रुख को विश्व स्तर पर स्पष्ट करने के लिए विभिन्न देशों का दौरा किया था। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
संसद के दोनों सदनों में आज सुबह विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची संशोधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी की और बैनर प्रदर्शन किए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं और प्रश्नकाल के दौरान इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा को कम करता है। उन्होंने विपक्षी नेता राहुल गांधी से अपने सांसदों को पोस्टर प्रदर्शन न करने की हिदायत देने को कहा।
सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा
राज्यसभा में भी विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी गई। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय और बंद होने जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग करने वाले 26 स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव डिजिटल संसद पोर्टल के माध्यम से ही जमा किए जाने चाहिए, क्योंकि भौतिक नोटिस की प्रथा बंद कर दी गई है। विपक्ष ने बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन और अन्य राज्यों में बंगालियों के साथ कथित भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की।
पाकिस्तान की भाषा वाली टिप्पणी
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से अपील की कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली या पाकिस्तान की भाषा बोलने वाली कोई भी टिप्पणी न करें। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे। इस चर्चा में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के शीर्ष नेताओं के बीच तीखी बहस की उम्मीद है।





