भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भटिया ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एनसीईआरटी द्वारा विभाजन पर नए मॉड्यूल को लेकर उनकी आपत्ति ‘राहुल-जिन्ना’ पार्टी की सच्चाई सामने आने की बौखलाहट है। भटिया ने दावा किया कि राहुल गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना की सोच एक जैसी है, जिसमें तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता का ज़हर दिखता है। उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था और कांग्रेस आज भी वही सोच अपनाए हुए है।
भटिया ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत करने और देश में शरिया कानून लागू करने की इच्छा रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तकों में बदलाव कर विभाजन की सच्चाई को शामिल किया है, जिससे भावी पीढ़ियों को इसकी वास्तविकता पता चले। बीजेपी प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को इस सच्चाई से परेशानी हो रही है क्योंकि यह उनकी विचारधारा के खिलाफ है।
नए मॉड्यूल की कड़ी आलोचना
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एनसीईआरटी के इस नए मॉड्यूल की कड़ी आलोचना की और इसे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास बताया। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि विभाजन का कारण हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग का सहयोग था और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसमें खलनायक की भूमिका निभाई। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस ने उस समय जासूस के रूप में काम किया और मुस्लिम लीग के साथ मिलकर काम किया।
विभाजन का जिम्मेदार कौन
एनसीईआरटी का यह नया मॉड्यूल, जो कांग्रेस, जिन्ना और लुई माउंटबेटन को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराता है, ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। मॉड्यूल में तर्क दिया गया है कि कांग्रेस नेतृत्व ने विभाजन की योजनाओं को स्वीकार किया और जिन्ना की रणनीति को कम आंका, जिसके परिणामस्वरूप भयावह दीर्घकालिक परिणाम सामने आए। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।





