नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। देश में एक बार फिर जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत दिया है। कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी को जीत की बधाई दी। साथ ही उन्होंने देश में कांग्रेस को मिली हार के साथ अमेठी की हार भी स्वीकार की। अमेठी से इस बार स्मृती ईरानी को बड़ी जीत मिली है। कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को अपने इस्तेफी की पेशकश की है।
हालांकि, सोनिया गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें समझाइश दी है। सोनिया ने राहुल को इस्तीफे के बारे में पार्टी फोरम में बात रखने की सलाह दी है। कांग्रेस ने एक बार फिर मिली करारी हार के बाद कार्यसमिति की बैठक अगले हफ्ते बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राहुल अपने पद से इस्तेफी की बात कर सकते हैं। नतीजों के बाद राहुल ने लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आज स्मृति जी अमेठी में जीती हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूं’. खास बात ये है कि अभी तक अमेठी के नतीजे सामने नहीं आए हैं, लेकिन राहुल ने पहले ही हार मान ली है.
आपको बता दें कि अमेठी में अभी स्मृति ईरानी 33 हज़ार वोटों से आगे चल रही हैं. स्मृति को अभी तक 286504 तो वहीं राहुल गांधी को 253503 वोट मिले हैं. गौरतलब है कि ये एक लंबे समय के बाद होगा जब अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव हारेगा. राहुल गांधी भी 2004, 2009 और 2014 में अमेठी से लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई देता हूं, जनता मालिक है और मालिक ने ऑर्डर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरी जान लगाकर मेहनत की है, मैं उनका धन्यवाद देता हूं।
राहुल ने कहा कि हमारी और नरेंद्र मोदी की विचारधारा की लड़ाई है. नरेंद्र मोदी की एक सोच है, हमारी एक सोच है. विचारधारा की इस लड़ाई में अभी मोदी-बीजेपी जीते हैं, तो उन्हें बधाई देता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, किसी को डरने की जरूरत नहीं है. हम एक साथ लड़कर विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगे। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी इस बार 300 के आंकड़े को छूने में कामयाब रही है तो वहीं एनडीए 350 के करीब पहुंच गया है. वहीं राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सिर्फ 50 पर रुक गई है, तो वहीं यूपीए सिर्फ 92 सीटों पर रुक गई है।