कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुरुवार को केंद्र सरकार की अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा पर तीखी आलोचना की, इसे आठ साल देरी से लागू किया गया कदम बताया। खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सरकार को राहुल गांधी की सलाह मानने में इतना समय क्यों लगा? उन्होंने राहुल गांधी के पुराने पोस्ट साझा किए, जिसमें उन्होंने जीएसटी दर को 18% तक सीमित करने की वकालत की थी, ताकि आम लोगों, विशेषकर गरीबों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने भी जीएसटी सुधारों को आठ साल देरी से लागू होने वाला कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान जीएसटी डिजाइन और दरें शुरू से ही गलत थीं। विपक्ष ने इसके खिलाफ लगातार आवाज उठाई, लेकिन उनकी बात को अनसुना किया गया। चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आखिर किन कारणों से सरकार ने अब यह बदलाव किया, जैसे कि सुस्त आर्थिक वृद्धि, बढ़ता घरेलू कर्ज, बिहार चुनाव, या अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ।
जीएसटी दरों में व्यापक कटौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में व्यापक कटौती की घोषणा की, जिसका उद्देश्य घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, व्यवसायियों और स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत देना है। 56वें जीएसटी परिषद की बैठक में दरों को दो स्लैब – 5% और 18% – में समायोजित करने का फैसला लिया गया, जिसमें 12% और 28% की दरों को समाहित कर लिया गया। 5% स्लैब में आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्य पदार्थ, कृषि उपकरण और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं, जबकि 18% स्लैब में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और अधिकांश सेवाएं शामिल हैं।
जनता को राहत देने के कदम
इसके अतिरिक्त, 40% स्लैब में विलासिता और हानिकारक वस्तुएं जैसे तंबाकू, पान मसाला, और लग्जरी वाहन शामिल हैं। कुछ आवश्यक सेवाएं और शैक्षिक वस्तुएं, जैसे व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा, पारिवारिक बीमा, और शिक्षा से संबंधित सेवाएं, जीएसटी से पूरी तरह मुक्त हैं। यह सुधार आम जनता को राहत देने के लिए उठाया गया कदम है, लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इसे बहुत पहले लागू करना चाहिए था।





