कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को पुलिस ने फ्लाइट से नीचे उतारा, दिल्ली एयरपोर्ट पर कांग्रेसियों का हंगामा

Atul Saxena
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Congress spokesperson Pawan Khera taken off the flight : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के पिता के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर हाल ही में विवादों में आये कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Congress spokesperson Pawan Khera) को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उस समय हवाई जहाज से उतार लिया जब वे अन्य कांग्रेस साथियों के साथ रायपुर छत्तीसगढ़ में पार्टी के अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। पवन खेडा को फ्लाइट से उतारे जाने पर कांग्रेस भड़क गई और नेताओं ने एयरपोर्ट पर ही हंगामा शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए हैं।

घटनाक्रम की जानकारी कांग्रेस ने अपने ट्विटर पर दी, पार्टी के तरफ से एक के बाद एक कई ट्वीट कर विरोध जताया गया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज इंडिगो की फ्लाइट 6E-204 से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली से रायपुर जा रहे थे। सभी फ्लाइट में बैठ चुके थे, उसी वक्त हमारे नेता पवन खेड़ा को फ्लाइट से उतरने को कहा गया। ये तानाशाही रवैया है। तानाशाह ने अधिवेशन से पहले ED के छापे मरवाए और अब इस तरह की हरकत पर उतर आया।

कांग्रेस ने ट्वीट किया – पहले छत्तीसगढ़ में नेताओं के यहां ED को भेजा गया। अब, कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने जा रहे पवन खेड़ा को फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया। ये तानाशाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी… हम लड़ेंगे और जीतेंगे।

वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया – पहले ED ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमितशाही है। मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

पवन खेड़ा ने कहा कि – मुझे कहा गया कि आपके सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं। फिर कहा गया- आपसे DCP मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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