दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान सामनें आया है। महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को एक कार्यक्रम में तालिबान से तुलना करते हुए कहा, ”जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे। पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है। उनको भी वहां से बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा। आप के लिए मौका है अभी भी, जिस तरह बाजपेयी जी ने बातचीत शुरू की थी कश्मीर में, बाहर भी (पाकिस्तान के साथ) और यहां भी, उसी तरह आप भी बातचीत का सिलसिला शुरू करो।
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि कश्मीरी अवाम की आवाज को दबाने की कोशिश होगी तो उसका भी हाल अफगानिस्तान सरकार की तरह होगा। बता दें कि महबूबा मुफ्ती यहीं नहीं रुकी बल्कि मोदी सरकार को जल्द से जल्द धारा 370 की बहाली की मांग भी कर डाली। उन्होंने खुलकर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार को किसी भी तरह का भ्रम नहीं पालना चाहिये। उन्होंने कहा कि अत्याचार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाता है। महबूबा ने कहा कि यदि 1947 में बीजेपी की सरकार होती तो कश्मीर आज भारत का अंग नहीं होता। उन्होंने वर्तमान सरकार को याद दिलाया कि देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरु ने जो वायदा किया था, उसे लागू किया जाना चाहिये।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने जोर देकर कहा कि मोदी के फैसले से कश्मीर की जनता नाराज है। उन्होंने आशंका जताई की जिस दिन यह जनता अपने अधिकारों के लिये खड़ी हो जाएगी।उसके बाद अमेरिका की ही तरह पीछे हटना होगा। महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नजरिये पर चलने की सलाह भी दी।