दाढ़ी रखना पढ़ गया दारोगा इंतेसार अली को महंगा, हुए निलंबित

cop Intesar Ali suspended for keep beared in up

यूपी, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक सब-इंस्पेक्टर को अपने वरिष्ठों की अनुमति के बिना दाढ़ी (beard) रखने से ड्रेस कोड के नियमों (dress code rule) के हुए उल्लंघन (violation) के चलते निलंबित (suspended) कर दिया गया है। लेकिन बागपत जिले के रमाला पुलिस स्टेशन में तैनात सब-इंस्पेक्टर  इंतेसार अली का दावा है कि उनकी याचिका पिछले नवंबर से अधिकारियों के पास लंबित है  और उनकी 25 साल की सेवा में दाढ़ी की समस्या कभीं नहीं रही।

पुलिसकर्मी  इंतेसार अली (Intesar Ali) को तीन बार उसकी दाढ़ी मुंडाने (Shave beard) या अपेक्षित अनुमति (Requisite permission) लेने की चेतावनी (warning) दी गई थी। आरोप है कि उसने अनुमति नहीं ली और दाढ़ी रखना जारी रखा।पुलिस ड्रेस कोड मैनुअल में कहा गया है कि सिख समुदाय से संबंधित लोगों के अलावा, अन्य पुलिस कर्मी अधिकारियों की अनुमति के बिना दाढ़ी नहीं रख सकते हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।