सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। एनडीए की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था। वहीं वोटिंग में उन्हें 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को मात्र 300 वोट ही प्राप्त हुए। उपराष्ट्रपति चुनाव को सीपी राधाकृष्णन ने 152 वोट के अंतर से जीत लिया है। हालांकि पहले ही यह संभावना जताई जा रही थी कि सीपी राधाकृष्णन इस चुनाव को जीत जाएंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव बेहद ही दिलचस्प रहा। इस चुनाव में BRS और BJD ने हिस्सा नहीं लिया। दरअसल राज्यसभा में BRS के चार और BJD के नौ सांसद हैं। हालांकि लोकसभा में एकमात्र शिरोमणि अकाली दल द्वारा वोटिंग बहिष्कृत की गई थी। पंजाब में बाढ़ के चलते उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया। वहीं कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के 315 सांसदों के मतदान का दावा किया था।
NDA के CP Radhakrishnan बने भारत के 15 वें उपराष्ट्रपति, मिले 452 वोट्स, कांग्रेस ने जताई गठबंधन के साथियों द्वारा क्रॉस वोटिंग की आशंका#VicePresidentElection #VicePresident #CPRadhakrishnan #NDA pic.twitter.com/iUHsJey2gI
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) September 9, 2025
कौन है सीपी राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में शिक्षा प्राप्त की है। सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त हो चुके हैं। 31 जुलाई 2024 से वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इसके साथ ही वह आरएसएस स्वयंसेवक भी रहे हैं। 2020 से 22 तक भाजपा के केरल प्रभारी भी रहे। अब उन्हें देश की अहम जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर बेहद शानदार रहा। 1996 में भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने। इसके बाद 1998 और 1999 तक कोयंबटूर से सांसद भी रहे। 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष का पद भी संभाला। 2023 में सीपी राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल बने। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद संभाला। वहीं अब सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे।
जयराम रमेश ने बड़ा बयान दिया
दरअसल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा है, हमारा प्रदर्शन बेहद सम्मानजनक रहा है। INDIA उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 40% वोट मिले। जबकि 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को 26% वोट मिले थे।’ जयराम रमेश ने कहा कि अंकों में भले ही भाजपा जीती हो मगर ये उनकी नैतिक हार रही है। आगे भी वैचारिक लड़ाई जारी रहने वाली है। वहीं एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस चुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को समर्थन किया।





