साइबर अपराध का एक और नया तरीका सामने आया है। साइबर अपराधी अब एक फर्जी मैसेज के जरिए लोगों को चूना लगाने की फिराक में हैं। साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को एक मैसेज भेजा जा रहा है, जिसमें डिलीवरी ऐड्रेस अपडेट करने को कहा जा रहा है। जैसे ही आप डिलीवरी अपडेट करने के लिए दिए गए लिंक को ओपन करेंगे, तो आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपके पास भी इस तरह का मैसेज आया है, तो इसे इग्नोर करें और सतर्क हो जाएं।
इसे लेकर पीआईबी की ओर से भी जानकारी दी गई है। पीआईबी ने साफ कहा है कि ऐसे मैसेज से सावधानी बरतें। ये मैसेज लोगों को चूना लगा सकते हैं और उनके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं। सरकार द्वारा साइबर क्राइम पर पाबंदी लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन देश के साइबर अपराधी नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं।

कैसे बनाया जा रहा है शिकार?
पीआईबी की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे लेकर जानकारी दी गई। पीआईबी ने लिखा है कि कुछ साइबर अपराधी एक एसएमएस के जरिए लोगों को चूना लगा रहे हैं। इसमें वे 12 घंटे के अंदर डिलीवरी ऐड्रेस अपडेट करने की जानकारी दे रहे हैं और बता रहे हैं कि अगर डिलीवरी ऐड्रेस 12 घंटे के अंदर अपडेट नहीं किया जाता है, तो आपका पार्सल वापस लौट जाएगा। हालांकि, पीआईबी की ओर से साफ किया गया है कि भारतीय डाक ऐड्रेस अपडेट के लिए कभी भी रिक्वेस्ट नहीं भेजता है। यह फर्जी लिंक है और इन लिंक पर क्लिक करने से बचें। ट्रैकिंग डिटेल्स के लिए हमेशा भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं।
🚨 Fake SMS Alert!
Did you receive an SMS with a link urging you to update your delivery address within 12 hours to prevent your product from being returned❓#PIBFactCheck
⚠️Stay cautious! This message is #Fake
✅ @IndiaPostOffice does not send such requests for address… pic.twitter.com/7wxTJkqkHJ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 5, 2025
साइबर फ्रॉड से कैसे बचा जाए
साइबर अपराधी इस प्रकार की नई-नई स्कीमें लाते रहते हैं। ऐसे में इन स्कैम्स से बचने के लिए आपको ध्यान रखना होगा कि सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले लुभावने विज्ञापनों के लालच में कभी न आएं और अनजान या संदिग्ध व्यक्ति से आए मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। किसी के साथ अपने फोन का ओटीपी शेयर न करें। इसके अलावा, अपने बैंक अकाउंट के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। अगर आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो भी जाते हैं, तो जल्द से जल्द साइबर सुरक्षा संबंधित एजेंसियों से संपर्क करें।