साल 2024 में भारत में साइबर फ्रॉड के मामलों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, इस साल 19.18 लाख से ज्यादा लोगों ने साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज कराईं। इन शिकायतों में लोगों ने कुल 22,811.95 करोड़ रुपये गंवा दिए। ये आंकड़ा 2023 के मुकाबले लगभग तीन गुना और 2022 से तो 10 गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार बन रहे हैं और ठग लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं।
दरअसल साइबर ठग अब परंपरागत तरीकों से हटकर हाईटेक हो चुके हैं। GIREM की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में फिशिंग हमलों में 82.6 फीसदी मामले AI जनरेटेड हैं। ठग QR कोड स्कैन करवाकर लोगों को नकली UPI पेज पर ले जाते हैं और वहीं से उनकी बैंकिंग डिटेल्स चुराई जा रही है। इसके अलावा फर्जी पुलिस बनकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे हथकंडे भी तेजी से बढ़े हैं।

पिछले 4 साल में 33 हजार करोड़ की ठगी
वहीं रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि भारत में रैंसमवेयर अटैक 22 फीसदी, मैलवेयर अटैक 11 फीसदी और IoT अटैक 59 फीसदी बढ़े हैं। वहीं, क्रिप्टो-रेलेटेड साइबर क्राइम में 409% की भारी उछाल दर्ज की गई है। इन सबका नतीजा यह हुआ है कि लोग अपनी पूरी जमा-पूंजी तक खो बैठ रहे हैं। अगर हम बीते चार सालों की बात करें, तो भारत में साइबर फ्रॉड के जरिए करीब 33,165 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है। साल 2022 में जहां 2306 करोड़ की ठगी दर्ज हुई थी, वहीं 2023 में ये आंकड़ा 7496 करोड़ पहुंच गया। 2024 में यह तीन गुना बढ़कर सीधे 22,812 करोड़ तक पहुंच गया।
यहां जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है?
दरअसल इस तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम से बचने का एकमात्र तरीका है आपकी जागरूकता। कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। OTP, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या किसी भी निजी जानकारी को शेयर न करें। फर्जी पुलिस, डिजिटल अरेस्ट या सस्ते लोन जैसे झांसे में न आएं। अगर कोई भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या QR कोड नजर आए, तो उसे तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। समय रहते जागरूक बनना ही आपको बचा सकती है।