लाखों कर्मचारियों-पेंशनरों को जल्द मिलेगा बड़ा गिफ्ट, बढ़ेगा महंगाई भत्ता, एरियर- बोनस का भी लाभ, सैलरी में बंपर आएगा उछाल

खबर है कि दिवाली से पहले राज्य सरकार कर्मचारियों पेंशनरों को डीए का तोहफा देने वाली है, इसके साथ ही बोनस की भी घोषणा जल्द हो सकती है।डीए और बोनस से कर्मचारियों की सैलरी में बंपर उछाल देखने को मिलेगा।

Pooja Khodani
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DA hike 2024

UP Employees DA Hike 2024 : उत्तर प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए खुशखबरी है।दिवाली से पहले राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कर्मचारियों पेंशनरों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। खबर है कि दिवाली से पहले राज्य सरकार कर्मचारियों पेंशनरों के DA/DR में 4% की वृद्धि का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही बोनस की भी घोषणा हो सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी शासन द्वारा डीए और बोनस की संबंधित फाइल तैयार की जा रही है, दिवाली से पहले इसकी घोषणा हो सकती है। डीए को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 54 प्रतिशत किए जाने का अनुमान है। नई दरें जुलाई से लागू होंगी, ऐसे में एरियर का भी लाभ मिलेगा। इससे 15 लाख राज्य कर्मी और शिक्षक और 8 लाख पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। अनुमान है कि डीए और बोनस से यूपी सरकार के ऊपर 3 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।

बोनस का भी मिलेगा लाभ

इसके अलावा 8 लाख कर्मियों को बोनस का लाभ भी दिया जाएगा। पिछले साल बोनस के रूप में राज्य कर्मियों को करीब 7 हजार रुपये मिले थे , इस बार भी इतने ही रुपए मिल सकती है लेकिन यह बोनस राजपत्रित अधिकारियों को नहीं मिलेगा।अगले हफ्ते इस संबंध में शासनादेश जारी हो सकता है।बता दे कि बोनस की गणना बेसिक पे और डीए के आधार पर की जाएगी। नॉन गजेटेड अफसरों को बोनस दिए जाने का प्रावधान है।

साल में 3 बार बढ़ती है कर्मचारियों की सैलरी

केन्द्र सरकार द्वारा डीए बढ़ाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में घोषणा होती है। आमतौर पर यूपी में कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी साल में तीन बार होती है।केन्द्र की तर्ज पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ता है जबकि साल में एक बार वेतन में इंक्रीमेंट होता है।जिस कर्मचारी को जनवरी में इंक्रीमेंट मिलता है, उसे जुलाई में नहीं मिलता। जिसको जुलाई में इंक्रीमेंट मिलता है, उसको जनवरी में नहीं मिलता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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