Employees Salary Revision, High court Order : कर्मचारियों को आज बड़ा झटका लगा है। दरअसल नए वेतन समझौते 11 के संदर्भ में 22 जून को आदेश जारी किया गया था। जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेशों को सुनने के बाद निर्णय लिया जा सकता है। अगर लगता है कि इसमें कोई विसंगति नहीं है तो एक बार फिर से वेतन समझौते से संबंधित आदेश जारी किए जा सकते हैं।
जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश को रद्द कर दिया
कोल इंडिया के कर्मचारियों के नए वेतन समझौते के संदर्भ में 22 जून को आदेश जारी किए गए थे। जिसे जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश को रद्द कर दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने डीपीए को इस संबंधित मामले की सुनवाई के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 60 दिनों के अंदर सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लिया जाए और अगर इसमें कोई वेतन विसंगति नहीं होती है तो वेतन समझौता फिर से लागू किया जा सकता है।
डीपीई की गाइडलाइन का उल्लंघन
बता दे 11वें वेतन समझौता होने के बाद तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया गया था। इसमें कहा गया था कि वेतन समझौता से कर्मचारियों के वेतन अधिकारियों से अधिक हो गए हैं जोकि डीपीई की गाइडलाइन का उल्लंघन है। याचिका को जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा स्वीकार किया गया था। जिसके बाद अब आदेश दिए गए हैं।
कोल इंडिया के 11वें वेतन समझौते के बाद 29 अगस्त को कई कोयला अधिकारियों द्वारा याचिका तैयार की गई थी। जिसमें कहा गया था कि वेतन समझौते से अधिकारियों को नुकसान हुआ है। ए ग्रेड कर्मचारी के वेतन E2 रैंक के अधिकारियों से अधिक हो गए हैं जबकि भारत सरकार की कैबिनेट ने पूर्व में तय किया था कि अधिकारियों के वेतन कर्मचारी से कम नहीं होंगे। ऐसे में डीपीई का अनुमोदन नहीं लिया गया है। बता दे कोल इंडिया के करीब 3 लाख से अधिक कर्मचारियों को वेतन समझौते से महत्वपूर्ण लाभ मिला है। वही उनके वेतन में 20000 से 25000 रुपए की वृद्धि की गई है।