दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों में सफर करने वाले यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ी पहल की है। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह के निर्देश पर डीटीसी ड्राइवरों और कंडक्टरों को अब नैतिकता, शिष्टाचार और सुरक्षित ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य न सिर्फ DTC की सार्वजनिक छवि को सुधारना है, बल्कि यात्रियों को एक सुरक्षित, सुसंस्कृत और सम्मानजनक यात्रा अनुभव देना भी है। ट्रैफिक नियमों का पालन, सही समय पर स्टॉप पर बस रोकना, शांत और मददगार व्यवहार – ये सब इस ट्रेनिंग का हिस्सा होंगे।
ग्राहक सेवा और सुरक्षित ड्राइविंग पर फोकस
सरकार का यह प्रशिक्षण अभियान न केवल व्यवहार सुधारने तक सीमित है, बल्कि इसमें ग्राहक सेवा कौशल और सड़क सुरक्षा तकनीकों पर भी जोर दिया जाएगा। ड्राइवरों को यह सिखाया जाएगा कि भीड़-भाड़ वाले इलाके, जैसे स्कूल, अस्पताल, और बाजारों में बस को सावधानी से कैसे चलाएं। इसके साथ ही, ओवरस्पीडिंग, लेन तोड़ना, दरवाजे खोलकर बस चलाना, रेडलाइट जंपिंग और जेब्रा क्रॉसिंग को अनदेखा करना जैसी लापरवाहियों को गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसी घटनाओं पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
CCTV से निगरानी और काउंसलिंग
डीटीसी की सभी बसों में लगे हाईटेक CCTV कैमरों के जरिए ड्राइवर और कंडक्टरों की निगरानी की जाएगी। इसका उद्देश्य केवल निगरानी नहीं, बल्कि व्यवहार सुधारने के लिए रेगुलर काउंसलिंग और फीडबैक देना भी है। इसके अलावा, ड्राइवरों और कंडक्टरों को मौखिक और व्यावहारिक परीक्षणों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे प्रशिक्षण को न केवल सुनें, बल्कि उसे व्यावहारिक तौर पर अपनाएं भी।
शिकायत दर्ज करना हुआ आसान
परिवहन मंत्री ने यात्रियों से अपील की है कि अगर किसी बस चालक या कंडक्टर का व्यवहार असभ्य या लापरवाह हो तो बस नंबर के आधार पर परिवहन विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं। सरकार सभी शिकायतों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा, DTC अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि इस अभियान को पूरे निगम स्तर पर गंभीरता से लागू किया जाए। किसी भी परिस्थिति में ओवरस्पीडिंग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लाखों यात्रियों को मिलेगा फायदा
दिल्ली में DTC बसें लाखों लोगों की जीवनरेखा हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों या दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं। ये बसें लास्ट माइल कनेक्टिविटी में अहम भूमिका निभाती हैं। ऐसे में सरकार का यह प्रयास इस दिशा में एक सकारात्मक बदलाव लाने की ओर बड़ा कदम है। एक सम्मानजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव यात्रियों को न सिर्फ सुकून देगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगा। नैतिकता आधारित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है। दिल्ली सरकार का यह अभियान न केवल DTC के ड्राइवरों और कंडक्टरों के व्यवहार में सुधार लाएगा, बल्कि लाखों यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुरक्षित, सुलभ और भरोसेमंद बना देगा। सीसीटीवी निगरानी, शिकायत तंत्र और नियमित प्रशिक्षण के साथ अब दिल्ली की सड़कों पर चलती DTC बसें एक नए विश्वास और अनुशासन की मिसाल बनेंगी।





