बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी अधिकारियों के हित में 82 याचिकाओं पर सुनवाई की गई। इस दौरान हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोई भी भर्ती आज हुई हो या फिर कभी पहले हुई हो, आने वाले समय में भी यदि भर्ती होती है तो इसके जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने और उन्हें पुरानी पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। यह सशस्त्र बल है और इसलिए यह योजना के पात्र हैं।
हालांकि इस फैसले के बाद हजारों पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भारतीय संघ के सशस्त्र बल के रूप में माना है। बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।
याचिका 2020 में दायर की गई थी
दरअसल याचिका 2020 में दायर की गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 में CAPF कर्मचारियों द्वारा पेंशन के संबंध में सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ व्यवहार करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था। वही इस संबंध में कई अन्य याचिकाएं भी दायर की गई थी। जिसमें सशस्त्र बलों को पुरानी पेंशन योजना से बाहर करना भेदभाव पूर्ण और समानता के अधिकार का हनन बताया गया था।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं केंद्र सरकार
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। 1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार की नौकरी में भरते हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया था। सिविल कर्मचारियों के साथ CAPF को भी उस वक्त पुरानी पेंशन योजना से बाहर किया गया था। सरकार का मानना था कि सेना, नेवी और वायु सेना ही केवल सशस्त्र बल हैं।
CAPF भारत के सशस्त्र बलों में शामिल, लागू नहीं होगा एनपीएस
दिल्ली हाईकोर्ट में कहा गया कि बीएसएफ एक्ट 1968 के तहत इनका का गठन भारतीय संघ के सशस्त्र बल के रूप में किया गया जबकि CAPF के बाकी बलों का गठन भी भारत संघ के सशस्त्र बलों के रूप में हुआ है। जिस पर हाईकोर्ट ने CAPF को भी भारत के सशस्त्र बलों में शामिल किया है। जिसके बाद उन पर एनपीएस लागू नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है केंद्र सरकार
नई दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी यदि हाईकोर्ट के फैसले पर सहमति दर्ज करता है तो ऐसी स्थिति में सीएपीएफ कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। बता दे किसी CAPF में असम राइफल के अलावा बीएसएससी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी को शामिल किया गया है।