दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड करीब 19-20 घंटे तक चली, जो देर रात—ढाई बजे तक जारी रही। इस कार्रवाई के बाद अन्दर से निकले भारद्वाज ने कहा कि वह डरते नहीं हैं। उन्होंने ED को चुनौती देते हुए कहा, “अरेस्ट करना है तो कर लो, आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासे करुंगा , चाहे फिर से आकर गिरफ्तार कर लो”।
ED ने दिल्ली-NCR में कुल 13 जगहों पर तलाशी ली, जिनमें सौरभ भारद्वाज का आवास भी शामिल था। यह जांच अस्पताल निर्माण घोटाले (₹5,590 करोड़) से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर है। हालांकि, भारद्वाज के मुताबिक ED को सिर्फ दो एफिडेविट मिले—एक उनके 2025 के चुनावी दस्तावेज़ और दूसरा उच्च न्यायालय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दाखिल किया गया पेटेंट दस्तावेज़। इन सबके बावजूद, वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में “चौंकाने वाले खुलासे” करने की बात कर रहे हैं।
राजनीति का हथियार
AAP नेताओं—आतिशी, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, पंजाब के सीएम भगवंत मान—ने इस रेड को पीएम मोदी की डिग्री विवाद से ध्यान भटकाने की साजिश बताया। आतिशी ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ “ध्यान भटकाने की मुहिम” है और भारद्वाज पूर्व मंत्री नहीं थे जब अस्पताल निर्माण के फैसले लिए गए थे। वहीं दिल्ली भाजपा नेताओं ने ED की कार्रवाई का स्वागत किया। उनका कहना था कि AAP की सरकार ने दिल्ली को “दोनों हाथों से लूटा”—और सौरभ भारद्वाज इस मेडिकल घोटाले के निर्माण कामों में शामिल थे।
यह शपथ ले सकते हैं
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारद्वाज यह शपथ ले सकते हैं कि उन्होंने किसी आपातकालीन या अतिरिक्त टेंडर को मंजूरी नहीं दी? कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि BJP केंद्र एजेंसियों का भय पैदा करने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने संकेत दिया कि जब मामला राजनीतिक लाभ नहीं दिला पाता तो उसे quietly बंद भी कर दिया जाता है।





