दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार सुबह से ही देशभर से किसान जुटने लगे। मौका था संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा आयोजित किसान महापंचायत का। यह महापंचायत पिछले चार सालों में किसानों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा माना जा रहा है। किसान फिर एक बार सरकार से अपनी लंबित मांगों को दोहराने और अपने अधिकारों की आवाज बुलंद करने दिल्ली पहुंचे हैं।
किसानों की तीन मुख्य मांगें
इस महापंचायत में किसानों की मुख्य तीन मांगें सामने रखी गईं। पहली और सबसे अहम मांग है- सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी। दूसरी मांग है कि कृषि, डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन जैसे क्षेत्रों को अमेरिका के साथ किसी भी व्यापार समझौते से बाहर रखा जाए। तीसरी मांग है- 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लिया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि इन मांगों को लेकर सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।
शांतिपूर्ण तरीके से होगी महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया कि यह महापंचायत पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से की जाएगी। उन्होंने सभी किसानों और समर्थकों से अपील की है कि वे अनुशासन बनाए रखें और कानून का पालन करें। SKM ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि किसानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का लोकतांत्रिक तरीका है।
चार साल बाद फिर गूंज रही किसान आवाज
यह महापंचायत 2020-21 के किसान आंदोलन के लगभग चार साल बाद हो रही है। उस समय हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक डेरा डालकर तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। सरकार ने बाद में वो कानून वापस तो ले लिए, लेकिन SKM और अन्य किसान संगठनों का कहना है कि सरकार ने जो अन्य वादे किए थे, जैसे MSP की गारंटी, वो अब तक पूरे नहीं किए गए। इसलिए किसानों का गुस्सा और चिंता अभी भी बनी हुई है।
दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दिल्ली पुलिस ने महापंचायत को देखते हुए करीब 1,200 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पुलिस पूरी तरह सतर्क है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयार है। जंतर-मंतर के आसपास बैरिकेडिंग, यातायात नियंत्रण और अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाएगी ताकि शांति बनी रहे।
किसानों की बड़ी भागीदारी और उम्मीदें
संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद है कि देशभर से हजारों किसान इस महापंचायत में भाग लेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से किसान आ रहे हैं।
किसानों का मानना है कि यह मंच उनके हक की आवाज सरकार तक पहुंचाने का सबसे सशक्त तरीका है। MSP की गारंटी, कृषि मामलों में विदेशी हस्तक्षेप से रोक और पुलिस केस वापस लेने जैसी मांगें अब और टाली नहीं जानी चाहिए।





