दिल्ली की सियासत में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री **सौरभ भारद्वाज** ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस ने बीजेपी को दिल्ली में मजबूत करने का काम किया। भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस की वजह से ही बीजेपी को चुनाव में फायदा मिला।
सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि हालिया चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को हराने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं अपनाई। बल्कि उसका रवैया ऐसा रहा जिससे सीधे सीधे बीजेपी को ताकत मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट कटवा की भूमिका निभा रही है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान AAP को झेलना पड़ रहा है। भारद्वाज ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की अहम जिम्मेदारी होती है कि वह सत्ता पक्ष की गलत नीतियों का खुलकर विरोध करे।
कांग्रेस पर मिलीभगत
लेकिन, कांग्रेस इस भूमिका को निभाने में नाकाम रही है। उनका कहना था कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन ने न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में विपक्ष को कमजोर किया है। AAP नेता ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि उसके कई नेता अंदरखाने बीजेपी के साथ समझौता कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की चुप्पी और ढीला रवैया यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं उनकी राजनीति बीजेपी को फायदा पहुंचा रही है।
दिल्ली की जनता का भरोसा
भारद्वाज ने दावा किया कि दिल्ली की जनता ने बार बार कांग्रेस को नकारा है। पिछले कई चुनावों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। इसके बावजूद कांग्रेस नेतृत्व अपनी गलतियों से सबक लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब जनता साफ देख रही है कि असली लड़ाई बीजेपी और AAP के बीच है। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस साथ आ सकते हैं, तो भारद्वाज ने साफ जवाब दिया कि दिल्ली की जनता कांग्रेस को स्वीकार नहीं करती। ऐसे में गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता। उनका कहना था कि कांग्रेस के पास न तो कोई ठोस मुद्दा है और न ही कोई ऐसा चेहरा जो जनता को भरोसा दिला सके।
बीजेपी के लिए मौका
AAP नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की कमजोरी का सीधा फायदा बीजेपी को मिल रहा है। भारद्वाज ने कहा कि जहां कांग्रेस को मजबूती दिखानी चाहिए थी, वहां उसने चुप्पी साध ली। यही वजह है कि दिल्ली में बीजेपी अपनी स्थिति बनाए हुए है। AAP और कांग्रेस के बीच चल रही बयानबाजी से यह साफ हो गया है कि दिल्ली की राजनीति में आने वाले दिनों में मुकाबला और गरम होने वाला है। जहां एक ओर बीजेपी अपने संगठन और मुद्दों पर काम कर रही है, वहीं AAP कांग्रेस को घेरकर खुद को मजबूत विकल्प के तौर पर पेश कर रही है।
असर सीधे जनता पर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी का असर सीधे जनता पर पड़ता है। दिल्ली के मतदाता अब यह सोचने पर मजबूर हो सकते हैं कि विपक्ष अगर आपस में ही लड़ता रहेगा, तो बीजेपी को चुनौती कौन देगा। कुल मिलाकर सौरभ भारद्वाज के इस बयान से दिल्ली की राजनीति में नई हलचल मच गई है। कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ती दूरी से यह साफ होता जा रहा है कि दोनों दलों का गठबंधन मुश्किल है।





