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Wed, Dec 17, 2025

Delhi News: DUSU चुनाव में 1 लाख का बॉन्ड जरूरी, AISA ने बताया लोकतंत्र पर हमला

Written by:Vijay Choudhary
Published:
Delhi News: DUSU चुनाव में 1 लाख का बॉन्ड जरूरी, AISA ने बताया लोकतंत्र पर हमला

DUSU elections

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) प्रशासन ने आगामी छात्रसंघ चुनाव (DUSU 2025-26) के लिए बड़ा फैसला लेते हुए नामांकन प्रक्रिया में एक नया नियम जोड़ दिया है। अब उम्मीदवारों को चुनाव में हिस्सा लेने के लिए 1 लाख रुपये का बॉन्ड जमा करना होगा। डीयू प्रशासन का दावा है कि यह कदम चुनाव के दौरान पोस्टरबाजी और शहर के डिफेसमेंट को रोकने के लिए जरूरी है। लेकिन इस नए नियम को लेकर छात्रों में भारी नाराजगी है। कई छात्र संगठनों ने इसे गंभीर लोकतांत्रिक संकट करार देते हुए विरोध शुरू कर दिया है।

छात्र संगठनों ने किया विरोध, AISA ने उठाए सवाल

छात्र संगठन AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने इस नियम का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला आम छात्रों को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश है। उनका तर्क है कि 1 लाख रुपये की राशि एक साधारण छात्र के लिए जुटा पाना आसान नहीं है। AISA नेताओं का कहना है कि इससे सिर्फ अमीर उम्मीदवार, खासकर ABVP और NSUI जैसे बड़ी पार्टियों से जुड़े छात्र ही चुनाव लड़ सकेंगे। यह चुनाव प्रक्रिया का निजीकरण और लोकतंत्र की मूल भावना का अपमान है। AISA ने तंज कसते हुए कहा, “क्या अब छात्रसंघ चुनाव भी नीलाम होंगे?”

AISA की हाईकोर्ट में याचिका, प्रदर्शन भी किया गया

AISA ने इस नियम के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि यह नियम छात्रों के संवैधानिक अधिकारों और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। साथ ही, 22 अगस्त को AISA कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया। उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी और रजिस्ट्रार से मुलाकात की, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। AISA ने यह साफ किया है कि यह सिर्फ किसी संगठन की लड़ाई नहीं, बल्कि हर उस छात्र की आवाज है जो बदलाव लाना चाहता है।

25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस, लोकतंत्र से जुड़े संगठनों से समर्थन की अपील

AISA ने 25 अगस्त दोपहर 2 बजे मीणा बाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान किया है। इसमें मीडिया, सिविल सोसाइटी और लोकतांत्रिक संगठनों से शामिल होकर इस मुद्दे को उठाने की अपील की गई है। AISA के दिल्ली अध्यक्ष सैयद और राज्य सचिव अभिज्ञान ने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ छात्रों की नहीं, पूरे लोकतंत्र की है। अगर आज हमने चुप्पी साधी, तो कल आम नागरिकों के चुनावी अधिकारों पर भी हमला होगा।” AISA का मानना है कि लोकतंत्र में भागीदारी के लिए समान अवसर जरूरी है और इस तरह के आर्थिक बोझ लगाकर चुनाव को अमीरों तक सीमित करना बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है।