दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विमुक्त जाति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि घुमंतू, विमुक्त और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए उनकी सरकार की प्राथमिकताएँ तीन हैं — स्थायी आवास, शिक्षा और रोजगार। ये तीनों क्षेत्र उन परिवारों के लिए जीवन में सम्मान, सुरक्षा और अवसर लाने का मार्गदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री ने भावुक अंदाज में कहा कि हर घुमंतू परिवार को एक पक्का घर देने का लक्ष्य है।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा चाहे सरकार को कितनी भी चुनौतियां क्यों न झेलनी पड़ें, हर परिवार को छत उपलब्ध कराने का काम वह पूरा करेगी। यह प्रतिबद्धता उनके मजबूत संकल्प को दर्शाती है। जहां परिवारों को बसाया जाएगा, रोजगार के अवसर और हाट-बाजार जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी। इसका उद्देश्य यह है कि परिवारों को सिर्फ घर मिले, बल्कि वे अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतें और आजीविका भी खुद सुनिश्चित कर सकें।
सामाजिक पहचान-सम्मान
रेखा गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन स्वतंत्रता के बाद पहली बार है जहां इस समुदाय की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक पहचान को इतनी व्यापक रूप से मान्यता मिली है। इस कार्यक्रम ने घुमंतू समुदाय को समाज में एक मूल्यवान स्थान देने का काम किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछले 78 वर्षों में, ये समुदाय उपेक्षा और संघर्षों का सामना करते रहे हैं, जबकि स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। अब समय है कि उन्हें सम्मान और स्थिरता मिले।
प्रधानमंत्री की पहल
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा घुमंतू, विमुक्त और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए बोर्ड बनाने का ऐतिहासिक निर्णय ही इन जरूरतों को पूरा करने का आधार बना है। दिल्ली सरकार ने इस दिशा में ठोस योजनाएं तैयार कर ली हैं। मुख्यमंत्री ने समुदाय के लोगों से अपील की कि वे अपने रजिस्टर और दस्तावेज़ व्यवस्थित रखें, ताकि सरकार की सहायता योजनाओं का लाभ उन्हें तुरंत मिल सके, जहन में रखिए यह केवल एक वादा नहीं, बल्कि गंभीर प्रयास है।
भविष्य का संकल्प
रेखा गुप्ता ने आख़िर में उज्जवल भरोसे के साथ कहा कि “मुझे उम्मीद है कि इन परिवारों के बच्चे भविष्य में उच्च पदों पर पहुंचकर अपने परिवार और पूरे समाज का नाम रोशन करेंगे।” यह वाक्य वास्तविक आत्म-समान और प्रेरणा का संदेश देता है।





