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Tue, Dec 16, 2025

Delhi News: बातचीत से निकलेगा दिल्ली के टोल विवाद का समाधान, केंद्रीय मंत्री ने जताया आश्वासन

Written by:Vijay Choudhary
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Delhi News: बातचीत से निकलेगा दिल्ली के टोल विवाद का समाधान, केंद्रीय मंत्री ने जताया आश्वासन

delhi toll dispute

दिल्ली में शहरी विस्तार रोड-2 (UER-2) से जुड़े टोल विवाद को हल करने की पहल फिर तेज हो गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने इस मुद्दे को सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की परेशानियों का मामला बताया है। उनका कहना है, सरकार सीधे संवाद से समाधान तलाशेगी। UER-2 पर पड़ने वाले टोल बूथों से स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं।

उनका तर्क है कि वे रोजमर्रा की ज़मीनों तक पहुंचने के लिए टोल भरते हैं, जबकि समान रास्ते दूसरे इलाकों में टोल मुक्त हैं। इस पर कुछ दिन पहले टोल प्लाज़ा पर लोगों का प्रदर्शन भी हुआ था। टोल पर उमड़ी नाराज़गी के बीच हर्ष मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मिलकर स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करेगी। यह वार्ता टोल भरने की बाध्यता, रास्ते के विकल्प, और टोल शुल्क पर विशेष व्यवस्था की संभावनाओं पर केंद्रित होगी।

सरकार का तर्क और मंशा

मंत्री का कहना है कि यह विवाद केवल एक सड़क या फीस का मसला नहीं है बल्कि हमारी ट्रैफ़िक नीति और स्थानीय लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करता है। बातचीत से जब तक लोगों की सहमति और सुविधा सुनिश्चित नहीं होगी, कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। स्थानीय दृष्टि, ग्रामीणों की समस्याओं को सामने रखा जाएगा। लिहाज़ से संवाद, हिंसात्मक या जबरदस्त सुझावों से बचते हुए सहमति की राह बनाई जाएगी। बॉर्डर के करीब रहने वालों को मासिक पास या अन्य मुआवज़ा विकल्प दिए जा सकते हैं।

सरकार की पूरी तैयारी

केंद्र और दिल्ली की सरकार ने साथ मिलकर बातचीत की रूपरेखा तैयार कर ली है। मंत्री ने कहा कि कानून और पॉलिसी की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय मांगों को भी सम्मान मिलेगा। स्थानीय नेताओं, सांसदों और PWD/ NHAI जैसे विभागों के संपर्क में वार्ता की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उस क्षेत्र में टोल विवाद एक साधारण सड़क शुल्क नहीं, बल्कि एक जिंदादिल लोकतंन्त्र की कसौटी साबित हो रहा है। हर्ष मल्होत्रा का कहना है कि “हम जब तक जनता को साथ लेकर नहीं चलेंगे, वास्तविक समाधान नहीं आ सकता।” यह नीति का किस्सा नहीं, बल्कि जनयोजना की नींव है।