Dev Diwali 2024 : इस साल 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन नदी में स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। यह उत्सव उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। घाट दीपो से सजकर जगमगाते हैं। पूरे शहर को लाइटों से सजा दिया जाता है। इस दिन पूरे देशभर से श्रद्धालु वाराणसी पहुंचते हैं और गंगा नदी में स्नान करने के बाद महादेव की पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन के सभी कष्ट, रोग और दोष दूर हो जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। जिसके अनुसार, 15 नवंबर को सुबह 6:19 पर इसका शुभारंभ होगा और इसका समापन 16 नवंबर की रात 2:58 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। दीप जलाने का शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को शाम 5:08 से शुरू होगा, जोकि शाम 7:45 तक रहेगा।
तैयारी पूरी
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों के संग बैठक कर तैयारी की समीक्षा भी की है। इस दौरान देव दीपावली के दिन मैदागिन से गोदौलिया, अस्सी, बैंक आफ बड़ौदा और लंका जाने वाले मार्ग पर वीवीआइपी समेत सभी तरह के वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। बता दें कि इस खास मौके पर उपराष्ट्रपति 15 नवंबर को वाराणसी आएंगें। इसलिए सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त किए गए हैं। पुलिस निरंतर पेट्रोलिंग करती रहेगी। सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी। सफेद कपड़े में पुलिस कर्मियों की तैनाती रहेगी, ताकि चोरी जैसी घटनाओं को रोका जा सके। लाइफ जैकेट के बिना कोई भी नौके पर सवार नहीं हो पाएगा। घाटों पर तेज ध्वनि, अश्लील संगीत और नृत्य पर रोक रहेगी।
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— POLICE COMMISSIONERATE VARANASI (@varanasipolice) November 14, 2024
मान्यता
इस त्योहार को त्रिपुरोत्सव उत्सव के नाम से भी जानते हैं, जिसे पृथ्वी लोक पर देव दीपावली कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की नगरी काशी में देवतागण आते हैं और दीपावली मनाते हैं। इस दिन भगवान शिव ने अत्याचारी दैत्य त्रिपुरासुर का वध किया था और संपूर्ण त्रिलोक को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। इससे देवगण प्रसन्न होकर भगवान शिव की आराधना करते हुए काशी पहुंचे थे। तब से यहां देव दीपावली बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है।
लोगों के लिए बनी आकर्षण का केंद्र
काशी विश्वनाथ केवल देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। यहां पर सालों भर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। देव दीपावली की तैयारी यहां पर कई महीनो से शुरू कर दी जाती है। इस साल की बात करें तो घाटों को रंग-बिरंगे झालरों से सजाया गया है। नमो घाट के साथ ही राजघाट पुल के गंगा में खंभों को भी झालरों से सजाया गया है। इसके अलावा, नावों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है, जो लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है।
इस दिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन किए जाएंगे। जिसमें विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र हिस्सा लेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहेगी। बता दें कि लोगों का वाराणसी में पहुंचना शुरू हो चुका है। 14 से 16 नवंबर के लिए पूरे बनारस में स्थित होटल और स्टे होम फूल हो चुके हैं।