दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पुरानी गाड़ियों पर लगाए गए फ्यूल बैन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सिर्फ एक पर्यावरणीय निर्णय नहीं, बल्कि एक “गहरी राजनीतिक साजिश” है। यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) मिलकर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “दिल्ली की जनता ने मोदी जी के नाम पर वोट दिया था, लेकिन जब रोज़गार और रोटी पर संकट आया, तब प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?”
केंद्र सरकार को कोर्ट में दखल देना चाहिए: यादव
देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर केंद्र सरकार वास्तव में जनता को राहत देना चाहती है, तो उसे सीधे सुप्रीम कोर्ट में दखल देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही एनजीटी के आदेश को वैध ठहरा चुका है, तो दोबारा कोर्ट जाना केवल समय बर्बाद करना है। इससे लोगों को झूठी उम्मीदें दी जा रही हैं।” यादव के मुताबिक यह पूरा मामला सिर्फ दिखावटी राहत देने का प्रयास है।
दिल्ली सरकार का कोर्ट जाना सिर्फ दिखावा: कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाना सिर्फ एक राजनीतिक चाल है, जिससे जनता को भ्रमित किया जा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि असली जिम्मेदारी केंद्र सरकार की बनती है, क्योंकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का गठन खुद मोदी सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सिर्फ जनता की नाराज़गी को ठंडा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन असली फैसले केंद्र के इशारों पर लिए जा रहे हैं।
कैमरा घोटाले की मांग की CBI जांच, पूछा– कौन है जिम्मेदार?
देवेंद्र यादव ने इस पूरे मामले में कैमरा घोटाले की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि ANPR कैमरों को पेट्रोल पंपों पर लगाने का सुझाव खुद केजरीवाल सरकार ने दिया था। लेकिन अब जब इन कैमरों में तकनीकी गड़बड़ी की बात सामने आ रही है, तो सवाल उठता है कि क्या इनकी खरीद-फरोख्त में भी कोई भ्रष्टाचार हुआ है? यादव ने इस मामले की CBI या न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि जनता को सच्चाई जानने का अधिकार है।





