दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली नगर निगम के स्कूलों की खस्ता हालत पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने 31 जुलाई को उपराज्यपाल विनय सक्सेना और मेयर राजा इकबाल सिंह को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। यादव ने बताया कि लगभग 30 से 50 साल पुराने भवनों में 1500 से ज्यादा निगम स्कूल चल रहे हैं, जिनमें से 1185 स्कूलों में करीब 7.8 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें से कई स्कूल भवन खतरनाक स्थिति में हैं और बच्चों की जान खतरे में है।
निगम की बैठक में मुद्दा उठा, फिर भी कोई कदम नहीं
देवेंद्र यादव ने बताया कि 16 जुलाई को हुई स्थायी समिति की बैठक में स्कूलों की हालत और बारिश के दौरान पानी भरने की समस्या पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दिल्ली नगर निगम राजस्थान के झालावाड़ जैसे हादसे का इंतजार कर रही है, जहां स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी?
बजट है फिर भी मरम्मत का काम नहीं
यादव ने कहा कि निगम स्कूलों के लिए इस साल ₹1693 करोड़ से ज्यादा का बजट तय किया गया है, जो पिछले साल से ₹48.2 करोड़ अधिक है। फिर भी मरम्मत का कोई ठोस काम नहीं हुआ। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि दिल्ली के 12 जोनों में से कई जोनों में दर्जनों स्कूल भवन बेहद जर्जर हालत में हैं।
- पहाड़गंज ज़ोन: 75 स्कूलों में 26 खस्ताहाल
- करोल बाग: 69 में 23 जर्जर
- शाहदरा साउथ: 127 में 33 खतरनाक
- साउथ ज़ोन: 120 में 59 जर्जर, ऐसे ही अन्य जोनों में भी कई स्कूल गिरने की कगार पर हैं।
दीवारें गिर रहीं, हादसे हो रहे, लेकिन निगम खामोश
कांग्रेस नेता ने बताया कि पिछले एक साल में कई बार स्कूलों की दीवारें गिरने से वाहन और लोग घायल हुए हैं।
- 17 मई 2024 को मोतिया खान के पास स्कूल की दीवार गिरने से 5 गाड़ियाँ टूटीं
- 10 अगस्त को डिचांऊ में दो लोग घायल
- 12 अगस्त को अशोक नगर में कई वाहन क्षतिग्रस्त
- 23 सितंबर 2023 को दिलशाद गार्डन में 11 वाहन टूटे
उन्होंने आरोप लगाया कि नंद नगरी, मंगोलपुरी, नांगलोई जैसे इलाकों में हालत और भी खराब है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
स्कूलों की हालत पर राजनीति, लेकिन समाधान नहीं
बीजेपी और AAP दोनों पर निशाना, कांग्रेस ने मांगा पुनर्निर्माण, देवेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 15 साल बीजेपी और फिर 3 साल AAP के पास निगम की जिम्मेदारी थी, लेकिन किसी ने स्कूलों की हालत सुधारने की गंभीर कोशिश नहीं की। उन्होंने मांग की कि स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण और जरूरी मरम्मत तुरंत की जाए, ताकि लाखों बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।





