देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ हफ्तों से ऑपरेशनल अव्यवस्थाओं, लगातार फ्लाइट कैंसलेशन्स और कुप्रबंधन के आरोपों से घिरी हुई थी। यात्रियों की दिक्कतें बढ़ती रहीं और सवाल एयरलाइन से आगे बढ़कर देश की एविएशन निगरानी प्रणाली पर भी उठने लगे। इन्हीं हालातों के बीच DGCA ने वह कदम उठाया है जिसकी चर्चा अब पूरे सेक्टर में है।
DGCA ने इंडिगो की निगरानी में तैनात अपने ही चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताओं ने यह दिखा दिया कि इंडिगो क्राइसिस सिर्फ एयरलाइन की गलती नहीं थी, बल्कि निगरानी तंत्र में भी चूकें हुईं। अब यह कार्रवाई भारतीय एविएशन में सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है जो आने वाले समय में बड़े बदलावों का संकेत दे रही है।
इंडिगो की मॉनिटरिंग में क्यों हुई इतनी बड़ी चूक?
DGCA ने 11 दिसंबर 2025 को अपने आदेश में साफ लिखा कि कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त चार FOIs को तुरंत उनके पैरेंट ऑर्गनाइजेशन भेजा जा रहा है। जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके नाम हैं ऋष राज चटर्जी, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक। ये सभी अधिकारी इंडिगो की फ्लाइट सेफ्टी, क्रू मैनेजमेंट, ऑपरेशनल कंप्लायंस और फ्लाइट शेड्यूलिंग से संबंधित निगरानी का काम देख रहे थे। यानी यह वही टीम थी जिसे इंडिगो ऑपरेशन की हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखनी थी।
इंडिगो क्राइसिस कैसे शुरू हुआ?
पिछले एक महीने से इंडिगो में लगातार विलंब और बड़े पैमाने पर फ्लाइट रद्द होने का सिलसिला चल रहा था। एयरलाइन का दावा था कि नए FDTL नियम, पायलट उपलब्धता और तकनीकी प्रेशर की वजह से यह स्थिति बनी। लेकिन DGCA की जांच में कई ऐसे सवाल खड़े हुए जिनसे लगा कि एयरलाइन के संचालन की निगरानी में भी भारी लापरवाही हुई है। इंडिगो क्राइसिस के मुख्य कारण क्रू शेड्यूलिंग में गड़बड़ियां, नए FDTL नियमों को सही ढंग से लागू न करना, पायलट और केबिन क्रू की कमी, ऑपरेशनल ओवरसाइट की कमजोर व्यवस्था।
चारों इंस्पेक्टर्स की भूमिका क्या थी और जांच में क्या मिला?
DGCA की विशेष टीम ने जांच की कि पिछले महीनों में इन फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर्स ने क्या-क्या रिपोर्ट किया, कौन-कौन सी जांचें कीं और इंडिगो संचालन की ओवरसाइट कितनी प्रभावशाली थी। जांच में सामने आया कि कई रिपोर्ट्स अधूरी या सामान्य विवरण में भेजी गईं, चेतावनी संकेत मौजूद होने के बावजूद DGCA तक मजबूत रिपोर्टिंग नहीं हुई, इंडिगो क्रू मैनेजमेंट में मौजूद विसंगतियों पर ध्यान नहीं दिया गया, ऑपरेशनल मिसमैनेजमेंट पर समय रहते कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई यानी, एयरलाइन में समस्या थी, लेकिन निगरानीकर्ता भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में चूके।
अब DGCA का अगला कदम क्या?
DGCA ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य में किसी एयरलाइन की निगरानी में जरा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एविएशन सेक्टर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक DGCA नई टीम तैयार कर रहा है, फ्लाइट ऑडिट को और सख्त करने की तैयारी में है, सभी एयरलाइंस के लिए मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल अपडेट कर रहा है, ऑपरेशन से जुड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बना रहा है। यह कदम इंडिगो क्राइसिस के साथ-साथ भारतीय एविएशन सेक्टर को भी प्रभावित कर सकता है।






