डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच एक बड़ी खबर पश्चिम बंगाल से आई है, पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में 9 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है, कोर्ट का ये फैसला पश्चिम बंगाल में तो पहला है ही ये देश में साइबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में भी पहला ही मामला बताया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के कल्याणी की एक अदालत ने साइबर क्राइम के एक मामले में शुक्रवार को नौ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन आरोपियों ने एक सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक से लगभग एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क से सहमति जताई कि इस तरह के अपराध ‘आर्थिक आतंकवाद’ से कम नहीं हैं। इन नौ दोषियों को महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात से गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक महिला भी शामिल है।
पुलिस ने 13 आरोपी गिरफ्तार किये, 9 दोषी दोषी करार
कल्याणी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुबर्थी सरकार मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था और फिर शुक्रवार को उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338 सहित BNS और IT एक्ट की कुल 11 धाराओं के तहत सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। पुलिस ने इस मामले में 13 आरोपी गिरफ्तार किये थे जिसमें से कोर्ट ने 9 को दोषी माना और सजा सुनाई, इसमें से चार महाराष्ट्र, तीन हरियाणा और दो गुजरात के हैं।
सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक से की 1 करोड़ रुपये की साइबर ठगी
जानकारी के मुताबिक 70 वर्षीय सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक ने 6 नवम्बर 2024 को कल्याणी के रानाघाट पुलिस थाने में उनके साथ 1 करोड़ रुपये के डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की शिकायत दर्ज कराई थी, मामला गंभीर था पुलिस ने साइबर टीम को एक्टिव कर जाँच दल गठित किया और जाँच शुरू की, शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि जिस व्यक्ति ने उससे बात की थी उसने खुद को अँधेरी पुलिस स्टेशन मुंबई का एसआई बताया था नाम था हेमराज कोली, उसने अलग अलग खातों में पैसे जमा कराये थे।
पुलिस ने दाखिल की 2600 पेज की चार्जशीट, 29 गवाह पेश किये
पुलिस जांच में सामने आया कि साइबर ठग अलग-अलग राज्यों में बैंक खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर कर रहे थे। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य जुटाए फिर छापेमारी कर कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया, बड़ी संख्या में बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किए। पुलिस ने जब खातों और मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हो गया। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान 29 गवाह सामने आये जिसमें अँधेरी पुलिस स्टेशन के SHO, जिन बैंकों के खातों में पैसे ट्रांसफर किये गए उसके अधिकारी शामिल थे, पुलिस ने 2600 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी।
कई लोगों को ठग चुका है ये गिरोह, मुखिया कम्बोडिया में
इस मामले में खास बात निकलकर सामने आई कि इस गिरोह का मुखिया कम्बोडिया में बैठा ही और वहीं से सबकुछ कंट्रोल करता है जिन खातों में प्पैसे ट्रांसफर हुए हैं उनमे एक खाता कंबोडिया में भी बताया जा रहा है। विशेष लोक अभियोजक बिवास चटर्जी ने अदालत को बताया कि यह गिरोह केवल कल्याणी के सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक को नहीं, बल्कि कई लोगों को ठग चुका है, यह ‘आर्थिक आतंकवाद’ है। सरकरी वकील ने कोर्ट से अपील की कि लोगों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई को ऐसे ठग पलभर में डरा धमकाकर उड़ा देते हैं इन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए जिससे सहमति जताते हुए अदालत ने 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।





