यतीश कुमार के कविता संग्रह ‘अन्तस की खुरचन’ पर परिचर्चा एवं वेबसाइट ‘खुदरंग’ का विमोचन

कोलकाता, डेस्क रिपोर्ट। सुपरिचित कवि यतीश कुमार के पहले कविता संग्रह ‘अन्तस की खुरचन’ के प्रकाशन की पहली वर्षगांठ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन 21 अगस्त की शाम रबीन्द्र सदन के नंदन सभागार में सम्पन्न हुआ। कविता संग्रह पर परिचर्चा से पहले यतीश कुमार की जिंदगी के विविध रंगों और रचनाकर्म को समेटती वेबसाइट ‘खुदरंग’ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि एंव गजलकार डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में हिंदी के प्रतिष्ठित शिक्षाविद डॉ. वेद रमण, वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु रंजन और सुपरिचित कवि निशांत ने परिचर्चा में हिस्सा लिया।

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कार्यक्रम की शुरुआत इस काव्य-संग्रह की दो कविताओं के ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति के साथ हुई। यह पूरा कार्यक्रम दिवंगत रंगकर्मी एवं साहित्य-प्रेमी अनन्या दास को समर्पित था। उन्होंने अंतस की खुरचन के प्रकाशन से पूर्व ही यतीश कुमार की कविताओं का बांग्ला अनुवाद और पाठ किया था। इस अवसर पर उनका परिवार मौजूद रहा एवं अनन्या दास के पति एवं रेलवे सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सूचित्तो दास ने उनकी रचनात्मक स्मृतियां साझा की। इसके उपरांत वरिष्ठ हिंदी कथाकार अलका सरावगी के हाथों वेबसाइट खुदरंग का लोकार्पण हुआ। वेबसाइट लोकार्पण के उपरांत सौम्या पांडेय ने वेबसाइट से संबंधित जानकारी, निर्माण की प्रक्रिया, तकनीक से हिंदी के समन्वय और संभावनाओं पर अपनी बातें कहीं। स्मिता गोयल ने उत्तरीय देकर परिचर्चा-सत्र के वक्ताओं का स्वागत किया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।