MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

ईडी की बड़ी कार्रवाई, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1023 एकड़ ज़मीन को कुर्क किया गया, जानिए क्या है पूरा मामला?

Written by:Rishabh Namdev
Published:
ईडी ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1023 एकड़ ज़मीन को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया। सहारा समूह और उसके संबंधित लोगों के खिलाफ अब तक 500 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
ईडी की बड़ी कार्रवाई, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1023 एकड़ ज़मीन को कुर्क किया गया, जानिए क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1023 एकड़ ज़मीन को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया, इस प्रॉपर्टी की अनुमानित कीमत 1538 करोड़ रुपये (2016 सर्किल रेट के अनुसार) मापी गई है। जानकारी के अनुसार ये ज़मीनें बेनामी नामों से खरीदी गई थीं, जिनका इस्तेमाल सहारा की संस्थाओं से मिलने वाले धन से किया गया था। वहीं ईडी द्वारा कुर्क की गई ज़मीनें भारत के 16 शहरों में फैली हुई बताई जा रही हैं।

जानकारी के मुताबिक ईडी द्वारा इस कार्रवाई को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (साजिश) के तहत दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर किया गया है। ये एफआईआर ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई थीं। वहीं एफआईआर में मेसर्स हुमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआईसीसीएसएल) और सहारा समूह की अन्य कंपनियों के नाम भी शामिल हैं।

अब तक 500 से अधिक एफआईआर दर्ज

दरअसल सहारा समूह और उसके संबंधित लोगों के खिलाफ अब तक 500 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जिनमें से 300 से ज्यादा मामले पीएमएलए, 2002 के तहत दर्ज किए गए हैं। वहीं यह भी आरोप है कि सहारा समूह ने जमाकर्ताओं को अधिक रिटर्न और एजेंटों को ज्यादा कमीशन का लालच देकर धोखा दिया गया है। इसके साथ ही जांच में सामने आया कि सहारा समूह ने जमा की गई रकम का इस्तेमाल बिना किसी जानकारी के गैर-विनियमित तरीके से किया था। वहीं जमाकर्ताओं से बिना सहमति के धन को दोबारा जमा कराया गया और यह राशि मांगने पर उन्हें भुगतान करने से भी मना कर दिया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक सहारा समूह ने एक योजना से दूसरी योजना में पैसे को बदलने पर पुनर्निवेश को नए निवेश के रूप में दिखाया। इसके साथ ही खातों की पुस्तकों में भी हेरफेर कर यह दिखाया गया कि राशि का भुगतान किया गया है, जबकि असल में भुगतान नहीं हुआ था। दरअसल पोंजी योजना को जारी रखने के लिए समूह ने पुराने जमाकर्ताओं की परिपक्वता राशि चुकाए बिना नए जमाकर्ताओं से धन लेना जारी रखा। जमा की गई राशि का एक हिस्सा बेनामी संपत्तियों की खरीद, निजी खर्चों और आलीशान जीवनशैली में भी खर्च किया गया था। जांच में यह भी सामने आया है कि सहारा समूह ने अपनी कई संपत्तियां बेच दीं थी और जमीन की बिक्री के बदले अघोषित नकदी भी प्राप्त की। इससे जमाकर्ता को अपने पैसे नहीं मिल पाए ।

पहले भी ईडी ने इस मामले में कुर्की की थी

वहीं पीएमएलए की धारा 50 के तहत एजेंसी ने सहारा समूह के कर्मचारियों, एजेंटों, जमाकर्ताओं और अन्य लोगों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं। इसके साथ ही पीएमएलए की धारा 17 के तहत तलाशी भी ली गई है, जिसमें 2.98 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में एक और अनंतिम कुर्की का आदेश जारी किया था, जिसमें एंबी वैली की 707 एकड़ भूमि को कुर्क किया गया था। जानकारी के मुताबिक इस ज़मीन का बाजार मूल्य लगभग 1460 करोड़ रुपये आंका गया था। हालांकि अब इस मामले की जांच जारी है।