Sat, Dec 27, 2025

आपातकाल के 50 साल, BJP मना रही संविधान हत्या दिवस, PM मोदी ने देश के लोगों से की ये अपील

Written by:Atul Saxena
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पीएम मोदी ने लिखा - हम अपने संविधान के सिद्धांतों को मजबूत करने और विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं और गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।
आपातकाल के 50 साल, BJP मना रही संविधान हत्या दिवस, PM मोदी ने देश के लोगों से की ये अपील

इमरजेंसी यानि आपातकाल (50 years of Emergency) जिसे आज से 50 साल पहले 25 जून 1975 को देश ने झेला था, भारत के संविधान को दरकिनार करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे लगाया था जिसका दंश देश को भुगतना पड़ा था, नेताओं को जेल में डाल दिया गया था कानून व्यवस्था ध्वस्त थी, मीडिया पर अंकुश लग गया था, कांग्रेस के लिए ये एक ऐसा धब्बा है जिसका निशान वो कई प्रयासों के बाद भी मिटा नहीं पा रही है उधर भारतीय जनता पार्टी आपातकाल के संघर्ष और काले अध्याय को देश के लोगों के दिलों में जिन्दा बनाये रखने के लिए इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाती  है।

इस साल आपातकाल की 50 साल हो गए इसे भाजपा आपातकाल की 50वी बरसी कहकर पूरे देश में संविधान हत्या दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपातकाल के दिनों के संघर्ष पर आधारित एक किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज’ भी आज लॉन्च की जा रही है जिसमें मोदी के उन दिनों के संघर्ष की कहानी है।

पीएम मोदी ने X पर लिखा – ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का वर्णन है। इसने उस समय की कई यादें ताज़ा कर दीं। मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूँ जो आपातकाल के उन काले दिनों को याद करते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।

उन्होंने लिखा जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एच.डी. देवेगौड़ा ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था

पीएम मोदी ने X पर आपातकाल के बारे में विस्तार से कई पोस्ट शेयर की हैं, उन्होंने लिखा- आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया

कोई भी भारतीय कभी नहीं भूल पाएगा कि किस तरह हमारे संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया, संसद की आवाज़ दबा दी गई और अदालतों को नियंत्रित करने की कोशिश की गई। 42वां संशोधन उनकी हरकतों का एक प्रमुख उदाहरण है। गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया, जिसमें उनकी गरिमा का अपमान भी शामिल है।

कांग्रेस की नीयत 50 साल बाद भी आज भी वैसी ही तानाशाही वाली

BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो सन्देश में कहा – 25 जून, 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया था और देश के संविधान की हत्या कर दी थी। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, उसकी नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है।

आपातकाल कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक

गृह मंत्री अमित शाह ने भी X पर लिखा- आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है।