8वें वेतन आयोग में कितनी होगी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी? UPS के तहत कितनी मिलेगी न्यूनतम पेंशन? जानें सबकुछ यहां

साल 2025 में लागू होने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को उनके औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा है। इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायर्ड हो चुके हैं और NPS के तहत 31 मार्च 2025 रिटायर हो रहे हैं।

Pooja Khodani
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8th Pay Commission: साल 2025 से पहले 8वें वेतन आयोग की चर्चा तेज हो चली है। चुंकी आमतौर पर केंद्र सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती आई है। 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई, जो 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने वाला है , ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि सरकार बजट 2025 में कोई फैसला ले सकती है और फिर जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग लागू किया जा सकता है ।हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 34 हजार और पेंशन 17 हजार तक पहुंच सकती है।इतना ही नहीं UPS (Unified Pension Scheme) के तहत मिलने वाली पेंशन में भी अहम बदलाव होने की उम्मीद है।खबर है कि 8वें पे कमीशन के तहत कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन बढ़ाने के लिए एक नया फिटमेंट फैक्टर भी लागू किया जा सकता है, इस आधार पर UPS के तहत मिलने वाली पेंशन भी बढ़ सकती है।

यूपीएस में इस तरह मिलेगा पेंशन का लाभ

  • दरअसल, साल 2025 में लागू होने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को उनके औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा है। इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायर्ड हो चुके हैं और NPS के तहत 31 मार्च 2025 रिटायर हो रहे हैं। जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक रिटायर होंगे, वे भी UPS में शामिल हो सकते हैं।
  • रिटायर हो चुके कर्मचारी NPS से UPS में भी शिफ्ट हो सकते है और रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन पाने, 60% पारिवारिक पेंशन और निश्चित पेंशन पाने पा सकते है। इन रिटायर कर्मियों को एरियर्स का भी लाभ मिलेगा।केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को UPS से लाभ होगा।

8वें वेतन आयोग के बाद UPS पर क्या पड़ेगा असर?

  • मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो खबर है कि 8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और बेसिक सैलरी 18000 है। लंबे समय से केन्द्र के कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की मांग कर रहे है, ऐसे में माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86% कर सकती है।
  • यदि 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 20,000 X 2.57= 51,400 रुपए होगी। अगर इसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है, तो यही सैलरी 20,000 x 2.86 = 57,200 रुपये हो जाएगी। वही पेंशन भी 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है। इस आधार पर UPS के तहत मिलने वाली पेंशन भी बढ़ सकती है।

UPS की प्रमुख बातें

  • सुनिश्चित पेंशन: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।सुनिश्चित
  • पारिवारिक पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
  • सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
  • महंगाई सूचकांक: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर।औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत।सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा,इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की धनराशि कम नहीं होगी।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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