8th Pay Commission में कर्मचारियों की 50% बढ़ेगी सैलरी? फिटमेंट फैक्टर 2.57 या ज्यादा? कौन सा लागू होगा फॉर्मूला? जानें अपडेट यहां

अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 ही रखा जाता है तो 257 प्रतिशत वेतन वृद्धि होगी। वर्तमान न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह बढ़कर 46,260 रुपये हो जाएगा। इसके अलावा 9,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन भी बढ़कर 23,130 हो जाएगी।

8th Pay Commission : दिसंबर अंत में 7वें वेतन आयोग के समाप्त होने और जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले सैलरी पेंशन कैलकुलेशन और फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। नए वेतन आयोग से 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को अपनी सैलरी और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

दरअसल, 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग लागू किया जाना है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने वाला है। इसको लेकर अप्रैल 2025 से तैयारियां शुरू होने की संभावना है। अगर किसी कारणवश 8वें वेतन आयोग को लागू करने में देरी होती है तो केन्द्र सरकार 1 जनवरी 2026 से एरियर का भुगतान करेगी।

फिटमेंट फैक्टर और सैलरी कैलकुलेशन

  • 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में वृद्धि का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक के रूप में काम करता है।
  • 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 पर सेट किया गया था, जिससे वेतन में औसतन 23.55 फीसदी की वृद्धि हुई थी यानि न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये हो गया था।इस तरह डीए, मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता जोड़ने के बाद कुल वेतन 36,020 रुपये हुआ था।
  • संभावना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय हो सकता है, जिससे वेतन में 30-50 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा।
  • सैलरी के साथ ही विभिन्न भत्ते जैसे कि डीए, एचआरए, टीए, मेडिकल, शिक्षा आदि भी बढ़ाए जा सकते हैं।अगर 1.92 फिटमेंट फैक्टर होता है तो कम से कम वेतन में 92% की वृद्धि होगी और यह 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर पर क्यों जरूरी ?

  • फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।
  • नेशनल काउंसिल- ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने कम से कम 2.57 (जो कि 7वें वेतन आयोग के समान है) या उससे अधिक के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है।
  • सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के कारण वेतन और पेंशन में 157% की वृद्धि हुई, जिससे केंद्रीय कर्माचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 से बढ़कर 18,000 रूपये हो गई थी। उदाहरण के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर का मतलब 257% वेतन वृद्धि है।न्यूनतम वेतन 18,000 रु प्रति माह बढ़कर 46,260 रु हो जाएगा, यहां तक ​​कि 9,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन भी बढ़कर 23,130 हो जाएगी।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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