Employees, Old Pension Yojana, पुरानी पेंशन योजना : राज्य में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को जल्द लागू किया जाएगा। ऊर्जा सचिव की ओर से इस मामले में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए गठित विशेष कमेटी की बैठक 21 अक्टूबर को प्रस्तावित की गई है।
हिमाचल में राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा चुका है। हालांकि बिजली बोर्ड के कर्मचारी पिछले 6 महीने से पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना को बाहर करने में लगातार कोई ना कोई पेंच फंस रहा है। इसी बीच अब इसकी बहाली की प्रक्रिया तेज हो गई है। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए गठित विशेष समिति की 21 अक्टूबर को बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।
पुरानी पेंशन योजना बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने सभी तैयारी पूरी
बैठक में पुरानी पेंशन योजना बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए सभी तैयारी कर ली गई है। सर्विस कमेटी की जगह निदेशक मंडल की मंजूरी से पुरानी पेंशन को बहाली करने की योजना पर भी मंथन किया जा रहा है। हालांकि यदि 21 अक्टूबर को होने वाली बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया जाएगा।
बोर्ड के अधिकारी जानकारी जुटा रहे हैं कि क्या सर्विस कमेटी के पास जाए बिना ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है या नहीं? वित्त विभाग से भी इसकी चर्चा की जा रही है। हालांकि कर्मचारी वर्ग और यूनियन में इस बैठक को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। बुधवार को बोर्ड की कर्मचारी यूनियन ने प्रबंध निदेशक को अधिसूचना जारी करने के लिए मांग पत्र सौंपा है।
अक्टूबर में कट सकते हैं NPS शेयर
बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन सहित अन्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच माना जा रहा है कि अक्टूबर महीने के भी एनपीएस शेयर कट सकते हैं। इसके साथ ही अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में राज्य अधिवेशन को भी लेकर संशय बरकरार हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस आयोजन की तारीख भी नहीं दी है। ऐसे में कर्मचारी मान रहे हैं कि एनपीएस शेयर अक्टूबर महीने में भी काटा जा सकता है। यदि 21 अक्टूबर को सर्विस कमेटी को लेकर ऊर्जा और वित्त विभाग के रजामंदी नहीं होती है तो बिजली बोर्ड कर्मचारियों के वेतन बनने शुरू हो जाएंगे। इसके बाद एक बार फिर से उनके वेतन से एनपीएस राशि की कटौती की जा सकती है।
यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा का कहना है कि बिजली बोर्ड में वर्ष 1974 में सीसीएस पेंशन नियम लागू किए गए थे। उसके बाद जितने भी संशोधन हुए, सभी सरकार की तर्ज पर लागू किए गए हैं। 15 मई 2003 के बाद आए सभी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना के दायरे में लाया गया है। ऐसे में बोर्ड में भी पुरानी पेंशन प्रदेश सरकार के दिनांक से ही लागू करनी पड़ेगी। इसमें हो रही देरी से कई प्रशासनिक दिक्कतें खड़ी हो सकती है।