कर्मचारियों को लगेगा बड़ा झटका, कम हो सकती है सैलरी, जानिए सरकार की नई योजना

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Central Government) अपने कर्मचारियों को झटका देने वाली है, सरकार जल्दी ही नया वेज कोड (New Wage Code) लागू कर सकती है। सरकार ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है , ये पहले 1 अप्रैल से लागू होने वाला था लेकिन कुछ राज्यों के विरोध के चलते इसे टाल दिया गया था। अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नया वेज कोड अगले महीने लागू हो सकता है।  नए वेज कोड में कर्मचारियों की सैलरी, छुट्टियां, काम के घंटे सब में बदलाव होगा।

केंद्र सरकार जल्दी ही नया वेज कोड लागू कर सकती है, जानकारी के मुताबिक सभी राज्यों से इसके लिए अपने अपने ड्राफ्ट रूल्स तैयार करने के लिए कह दिया गया है। हालाँकि अभी इसकी अधिकृत पुष्टि अभी नहीं हुई है लेकिन फिर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अक्टूबर से इसे लागू किया जा सकता है।

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जानकारी के अनुसार नए वेज कोड में केंद्र सरकार ने जो प्लानिंग की है उसके हिसाब से कर्मचारियों को मिलने वाली अर्जित अवकाश (EL) 240 से बढ़कर 300 हो जाएँगी। इसे लेकर लेबर यूनियनों, श्रम मंत्रालय और उद्योगपतियों से चर्च हुई थी जिसमें छुट्टियां (Leaves) बढ़ाने की मांग सामने आई थी।

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नए वेज कोड का सबसे ज्यादा असर सैलरी (Salary) पर होगा।  इसमें सैलरी स्ट्रक्चर (Salary Structure) बदल जायेगा और टेक होम सैलरी कम सकती है। वेज कोड एक्ट 2019 के मुताबिक किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन कंपनी की लागत से 50 प्रतिशत से कम नहीं हो सकता।

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नए वेज कोड में काम के घंटे में भी परिवर्तन संभव है ये बढ़कर 12 हो सकते हैं। हालाँकि काम के घंटे के हिसाब से वर्किंग डे भी डिसाइड होंगे।  श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि एक सप्ताह में 48 घंटे काम का नियम लागू रहेगा।  इस हिसाब से यदि कर्मचारी 8 घंटे रोज काम करता है तो वो सप्ताह में 6 दिन काम करेगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी। यदि संस्थान 12 घंटे काम लेता है तो कर्मचारी सप्ताह में 4 दिन काम करेगा उसे 3 दिन छुट्टी मिलेगी।  इसके लिए संस्थान और कर्मचारी के बीच सहमति बनानी होगी।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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