EPFO Update: अब ये कर्मचारी नहीं कर पाएंगे EPS पेंशन में कंट्रीब्यूशन, जानिए क्या कहता है नया नियम

EPFO के इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ECR) सिस्टम के जरिए अब गलत EPS कंट्रीब्यूशन को अपने आप पहचाना और रोका जा सकेगा।

EPFO Rules for EPS Contribution : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों खाताधारकों के लिए काम की खबर है। ईपीएफओ ने अपने इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ECR) सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब कुछ कर्मचारी एंप्लॉईज पेंशन स्कीम (EPS) में योगदान नहीं कर पाएंगे। इसका सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जिनकी उम्र 58 साल से अधिक हो चुकी है या जिनकी मंथली सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है और जिन्होंने 1 सितंबर 2014 या उसके बाद EPS जॉइन किया था।

EPFO: क्या है नया नियम

  • EPFO के नियमों के मुताबिक, कर्मचारी के 58 साल पूर्ण होने पर EPS में योगदान करना संभव नहीं होता। हालांकि, अगर किसी कर्मचारी को एंप्लॉयर ने स्थगित पेंशन (Deferred Pension) के लिए योग्य माना हो, तो ऐसे मामलों में योगदान जारी रह सकता है।जिन कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से ज्यादा है और जिन्होंने 1 सितंबर 2014 या बाद में EPS जॉइन किया है, वे भी EPS के लिए योग्य नहीं माने जाते, लेकिन अब नए सिस्टम के आने के बाद ऐसा नहीं होगा।
  • इसके लिए EPFO ने नया इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ECR) सिस्टम लॉन्च किया है, जो सितंबर 2025 के वेतन महीने से लागू होगा। इसके तहत अगर कोई एंप्लॉयर 58 साल से ऊपर या 15,000 रुपये से ज्यादा वेतन वाले कर्मचारी के लिए EPS में योगदान करेगा, तो सिस्टम इसे तुरंत “फ्लैग” कर देगा यानि अब गलत योगदान पहले ही रोका जाएगा और बाद में सुधार या विवाद की जरूरत नहीं पड़ेगी।

EPFO : कैसे तय होती है PF की पेंशन?

  • वर्तमान में देशभर में लगभग 7 करोड़ एंप्लाय प्रोविडेंड फंड (EPF) के सदस्य हैं।
  • EPS स्कीम में एंप्लायर 12 प्रतिशत के कंट्रीब्यूशन करता है। इसमें से 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन में ट्रांसफर किया जाता है। यह अमाउंट सीधे तौर पर कर्मचारी की पूरी बेसिक सैलरी पर निर्भर नहीं करती है।
  • EPS के तहत मिलने वाली पेंशन आपकी तरफ से EPF अकाउंट में कंट्रीब्यूट की गई पूरी रकम पर निर्भर नहीं होती है, बल्कि पेंशन की रकम कुछ खास कैलकुलेशन पर आधारित होती है।
  • सितंबर 2014 से EPS कंट्रीब्यूशन पर लागू लिमिट के तहत अधिकतम 1,250 रुपये महीने ही EPS अकाउंट में जमा हो सकते हैं।
  • अगर किसी एंप्लायर का कंट्रीब्यूशन इससे ज्यादा है, तो इसकी बाकी की रकम EPF खाते में जमा हो है और योगदान के आधार पर कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।

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