EPFO : नए साल में कर्मचारियों-खाताधारकों को मिलेगी गुड न्यूज! ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, पेंशन भी बढ़ेगी, जानें क्या है सरकार का प्लान?

खबर है कि सरकार पीएफ में कर्मचारी के योगदान पर 12 फीसदी की लिमिट को हटा सकती है। इसमें कर्मचारियों को अपनी बचत के अनुसार योगदान करने का ऑप्शन दिया जा सकता है।

Pooja Khodani
Published on -
epfo pension

EPFO 3.0 Update : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के कर्मचारियों-खाताधारकों के लिए खुशखबरी है। खबर है कि केंद्र सरकार नए साल में ईपीएफओ के तहत वेतन सीमा बढ़ाने के अलावा PAN 2.0 की तर्ज में EPFO 3.0 योजना का ऐलान कर सकती है।कर्मचारियों को किसी भी समय निर्धारित सीमा से अधिक राशि का योगदान करने की सुविधा दी सकती है, जिससे ग्राहकों को अधिक वित्तीय फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगा।

EPFO 3.0 के तहत कर्मचार‍ियों का पेंशन कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन बढ़ाने के साथ ही कर्मचारियों को ATM से पीएफ का पैसा न‍िकालने की सुव‍िधा म‍िल सकती है।CNBC आवाज की र‍िपोर्ट के मुताबिक, लेबर म‍िन‍िस्‍ट्री PF सब्‍सक्राइर्ब्‍स की सुव‍िधा के ल‍िए ऐसा कार्ड जारी करने का प्‍लान कर रही है, ज‍िससे आगे आने वाले समय में वे ATM से PF का पैसा न‍िकाल सकेंगे।इस प्‍लान को अगले साल मई-जून 2025 तक लागू क‍िया जा सकता है। हालांकि नियोक्ता का योगदान कर्मचारी के वेतन के आधार पर निर्धारित रहेगा, जिससे नियोक्ता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।

PF में कर्मचारी के योगदान पर हट सकती है लिमिट

  • मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केन्द्र सरकार पीएफ में कर्मचारी के योगदान पर भी 12 फीसदी की लिमिट को हटा सकती है। इसमें कर्मचारियों को अपनी बचत के अनुसार योगदान करने का ऑप्शन दिया जा सकता है। इससे कर्मचारी अधिक राशि पीएफ में जमा कर एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। नियोक्ता का योगदान सैलरी के हिसाब से तय किया जाएगा।
  • वर्तमान में कर्मचारियों को अपने बेसिक पे का 12 फीसदी ही पीएफ में जमा कराना होता है। वहीं, ईपीएफओ 3.0 में कर्मचारी अधिक योगदान कर सकते हैं। इसमें से 8.33 प्रतिशत ईपीएस-95 (EPS-95) में जाता है, बाकी का 3.67 प्रतिशत ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। इस पहल से कर्मचारियों को विशेष लाभ मिलेगा।

About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News