नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Employee Pension Scheme:कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 6.5 करोड़ से ज्यादा पीएफ खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है।मोदी सरकार (Modi Government) होली से पहले 12 मार्च 2022 को करोड़ों खाता धारकों को खुशखबरी दे सकती है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो दिन बाद 11-12 मार्च को गुवाहटी में ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) की एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें ब्याज दरों और पेंशन बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है।पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनावी आचार संहिता खत्म होने के बाद EPFO की निर्णय लेने वाली शीर्ष निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने शुक्रवार-शनिवार 11-12 मार्च को असम की राजधानी गुवाहाटी में एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें EPFO फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए पीएफ पर ब्याज दर (Interest Rate on EPF) पर फैसला किया जाएगा। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री भी शामिल होंगे और संभावना जताई जा रही है कि सरकार पीएफ पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है।वही पेंशन को लेकर भी गुड न्यूज सुनने को मिल सकती है।
होली से पहले होने वाली इस कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सीबीटी की बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष की ब्याज दरों पर चर्चा होगी और बोर्ड वित्त वर्ष के लिए ब्याज तय करेगा ।इसके बाद सीबीटी अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंपेगा, जहां ब्याज दरों पर आखिरी मुहर लगेगी। संभावना जताई जा रही है कि मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स को ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान कर का तोहफा दे सकती है।सूत्रों की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष में भी 8.5% ब्याज देने पर सहमति बन सकती है।कर्मचारियों की निगाहें अब 2 दिन बाद होने वाली इस बैठक पर टिकी हुई है।
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गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी जानकारी दी थी कि इस अहम बैठक में ब्याज दरों के निर्णय का प्रस्ताव भी सूचीबद्ध है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी, जिसमें 2021-22 के लिए ब्याज दरें तय करने का प्रस्ताव रखा जाएगा । यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा।वही ईपीएफओ की फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमिटी ने अपनी सिफारिशें सीबीटी को भेज दी हैं।
बैठक से पहले अबतक के घटनाक्रम पर एक नजर
- EPFO ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में अपने सब्सक्राइबर्स को 8.5 फीसदी का ब्याज दिया था ।
- बीते साल मार्च 2021 में श्रीनगर में हुई बैठक में CBT ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा राशि पर 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने भी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी।
- इसके बाद EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बीते साल नवंबर में बैठक हुई, लेकिन EPS बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हो पाया था, लेकिन अब 11-12 मार्च को होने वाली इस बैठक में अंतिम फैसला हो सकता है।
- साल 2011-12 में पीएफ की दर 8.25 फीसदी रही, 2013-14 में ईपीएफओ पीएफ जमा पर 8.75 फीसदी ब्याज देता था।
- 2012-13 में पीएफ की ब्याज दर 8.5 फीसदी पर पहुंच गई। 2018-19 में पीएफ की ब्याज दर 8.65 फीसदी।
- साल 2016-17 में 8.65 फीसदी की दर । साल 2017-18 में यह दर 8.55 फीसदी थी ।
- 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसदी तय की गई जो पिछले 7 साल में सबसे कम है अभी पीएफ में जमा पैसे पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।