EPFO: कर्मचारियों खाताधारकों के लिए काम की खबर, नियम में बदलाव, अब मिलेगा इस तरह स्कीम का लाभ, जानें डिटेल्स

खास करके यह स्कीम उन EPF खाताधारकों को कवर करती है, जिनकी नौकरी के एक वर्ष के भीतर मृत्यु हो जाती है।नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को भी अब बीमा कवरेज मिलता है।

Pooja Khodani
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EPFO EDLI Scheme:कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों के लिए काम की खबर है। ईपीएफओ ने एम्प्लॉय डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में बदलाव किए है।इससे अब मृत्यु दावा दायर करना आसान होगा और बीमा भुगतान के साथ कवरेज में भी वृद्धि होगी, जिससे हर साल हजारों परिवार को मदद मिलेगी।.

दरअसल, अगर कोई EPF सदस्य एक साल से पहले ही नौकरी के दौरान गुजर जाता था, तो परिवार को EDLI डेथ लाभ नहीं मिलता था लेकिन अब EPF सदस्य की मृत्यु एक साल से कम की सेवा अवधि में हो जाती है, तो भी उनके परिवार को न्यूनतम ₹50,000 का बीमा लाभ मिलेगा।इस संशोधन से हर साल सेवा के दौरान मृत्यु के 5,000 से अधिक मामलों में अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है।

क्या है EDLI योजना, किस तरह मिलता है लाभ

  • भारत सरकार ने 1976 में कर्मचारियों के असामयिक निधन की स्थिति में उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए ईडीएलआई योजना शुरू की थी,इसके तहत EPF के लिए रजिस्टर्ड कर्मचारियों को जीवन बीमा प्रदान करता है।
  • खास करके यह स्कीम उन EPF खाताधारकों को कवर करती है, जिनकी नौकरी के एक वर्ष के भीतर मृत्यु हो जाती है।नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को भी अब बीमा कवरेज मिलता है।
  • EPFO के नियमों में बदलाव से उन ईपीएफ सदस्यों के लिए EDLI लाभ का मिलेगा, जो हाल ही में EPF योजना में शामिल हुए हैं और सेवा के एक वर्ष के भीतर उनकी मृत्यु हो गई है, ऐसी स्थिति में EPF सदस्य के परिवार को न्यूनतम 50,000 रुपये का जीवन बीमा भुगतान मिलेगा।

इस तरह मिलता है योजना में 7 लाख का लाभ

  • ईडीएलआई योजना में संशोधन के बाद कर्मचारियों को अब 2.5 लाख रुपये से 7 लाख रुपये के बीच बीमा कवरेज मिलेगा।
  • आसान शब्दों में, ईडीएलआई के तहत मिलने वाली बीमा राशि पिछले 12 महीना में मिले मासिक वेतन का 35 गुना होता है। इसका मतलब यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन 15000 रुपये है तो इसका 35 गुना तो उसे 5 लाख 25 हजार रुपये होगा। साथ ही 1,75,000 रुपये का बोनस मिलेगी। स्कीम के तहत मिलने वाली कुल बीमा राशि 7 लाख रुपये होती है।
  • अगर EPF सदस्य नौकरी बदलते समय 1-2 दिन का गैप ले लेता था, तो यह सर्विस अवधि में ब्रेक माना जाता था, इससे परिवार को लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब अगर दो नौकरियों के बीच दो महीने तक का अंतर है, तो भी यह निरंतर सर्विस मानी जाएगी। इससे हर साल 1,000 से ज्यादा परिवारों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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