EPFO Pension Hike : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के कर्मचारियों-खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। EPFO 3.0 योजना की चर्चाओं के बीच प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है।
खबर है कि केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की तैयारी में है।आखिरी बार केंद्र सरकार ने साल 2014 में ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 250 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह तय की थी।

पेंशन की राशि 1000 से बढ़कर होगी 3000
दरअसल, EPFO के अंतर्गत आने वाले निजी कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के माध्यम से न्यूनतम पेंशन मिलती है।सितंबर 2014 में केंद्र सरकार ने ईपीएस 1995 के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह की थी। मनी कंट्रोल में प्रकाशित खबर के अनुसार मोदी सरकार न्यूनतम पेंशन की रकम बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति महीना करने की तैयारी में है। वर्तमान में EPF-95 के तहत लगभग 186 संस्थान आते हैं। 80 लाख पेंशनभोगी ऐसे हैं जो इस कैटेगरी में आते हैं।
लंबे समय से उठ रही है मांग
- खबर है कि श्रम मंत्रालय ने 2020 में वित्त मंत्रालय को को EPS के तहत न्यूनतम पेंशन को 2,000 रुपये प्रति माह करने का एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।
- इसके बाद साल 2025 में आम बजट से पहले EPS के रिटायर्ड कर्मचारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये करने की मांग की थी और इस पर आश्वासन भी मिला था लेकिन अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया।
- अप्रैल महीने में बीजेपी सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने भी लेबर मिनिस्ट्री से न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाने के लिए कहा था।
EPS क्या है?
- कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) एक रिटायरमेंट योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तरफ से संचालित किया जाता है।
- यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी देती है।
- EPS का फंड नियोक्ता के कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में 12% योगदान का हिस्सा होता है।
- इसमें से 8.33% EPS में जाता है और बाकी 3.67% EPF में जमा होता है।
- वर्तमान में EPF-95 के तहत लगभग 186 संस्थान आते हैं।
- EPS का कुल कोष 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
- योजना के तहत 78.5 लाख पेंशनर्स हैं, जिनमें से 36.6 लाख को न्यूनतम 1,000 रुपये की पेंशन मिलती है ।