EPFO: कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज! बढ़ाई जा सकती है पेंशन राशि, जानें संसदीय समिति ने क्या कहा

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जल्द पेंशनरों की मासिक पेंशन (Monthly Pension) बढ़ाई जा सकती है। संसद की एक समिति ने इसकी सिफारिश भी की और कहा है कि ईपीएफओ की पेंशन योजना के तहत पेंशनरों को मिलने वाली न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये बहुत कम है, ऐसे में श्रम मंत्रालय पेंशन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाना चाहिए।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  संसद में श्रम पर स्थायी समिति ने अनुदान मांग 2022-23 पर पर पेश की गई एक रिपोर्ट में बताया है कि 8 साल पहले पेंशनधारकों के लिए तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन राशि बहुत कम है,वर्तमान दौर और महंगाई को देखते हुए मासिक पेंशन में भी इजाफा होना चाहिए। समिति ने कहा कि EPFO की पेंशन योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये बहुत कम है, ऐसे में यह जरूरी है कि श्रम मंत्रालय पेंशन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाये जाएं।

इससे पहले समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की थी कि सदस्यों/विधवा/विधवा पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 2,000 रुपये की जाए। इसके लिए जरूरी सालाना बजटीय प्रावधान किए जाएं। हालांकि, वित्त मंत्रालय न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाने पर सहमत नहीं हुआ था। वही समिति ने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिश के अनुसार वित्त मंत्रालय से पर्याप्त बजटीय समर्थन को लेकर मामला आगे बढ़ाए।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके अलावा श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के मूल्यांकन और समीक्षा के लिए 2018 में उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति का गठन किया था।समिति ने कई समितियों ने इस विषय में चर्चा की है, जिसका परिणाम यह निकला है कि जब तक विशेषज्ञों से EPFO की पेंशन योजना के अधिशेष या घाटे का उपयुक्त आकलन नहीं होता, मासिक पेंशन की समीक्षा नहीं हो सकती है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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