भारत का इतिहास काफी मजेदार और रोचक रहा है। उस दौर में एक से बढ़कर एक राजा हुआ करते थे। पहले जमाने में कई रानियां रखने का प्रचलन था। इन सभी के किस्से बहुत ही अलग-अलग हैं। उस जमाने में राजाओं का रंगीन मिजाजी होना एक आम शौक था।
आज हम आपको एक ऐसे राजा के बारे में बताएंगे जिनकी दो नहीं, तीन नहीं बल्कि 365 रानियां थीं, जिनके साथ समय बिताने के लिए उन्होंने एक अनोखा नियम बनाया था।
रंगीन मिजाजी राजा
भारत के इतिहास में एक राजा की रंगीन मिजाजी ने तहलका मचा दिया, जिनकी 365 रानियां थीं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चाहे महिला हो या पुरुष, महल में स्थित उनके खास कमरे में उन्हें बिना कपड़ों के ही अंदर आने की अनुमति थी। वे भारत के पहले ऐसे शख्स थे जिनके पास खुद का निजी विमान था। ऐसे में आप उनकी रईसी का अंदाजा लगा सकते हैं।
भूपिंदर सिंह
दरअसल, इस राजा का नाम भूपिंदर सिंह था, जो पटियाला रियासत के मालिक थे। 38 साल तक अपने क्षेत्र में शासन करने वाले यह राजा रंगीन मिजाजी से दुनिया भर में नाम कमा चुके थे। उनकी 365 रानियों की कहानी इतिहास के पन्नों में आज भी चर्चित हौ।इतिहासकारों के मुताबिक, इस महल में रंगरलियों का यह आलम था कि शराब-संगीत की यहां नदियां बहती थीं। राजा ने महल में प्रवेश के लिए लालटेन बुझाने का अनोखा नियम बनाया था, जिसके तहत महल में 365 लालटेन जलाई जाती थीं, जिन पर हर एक रानी का नाम लिखा होता था। सुबह जो लालटेन पहले बुझती थी, उस रानी को राजा चुन लेते थे। यह किस्सा उनकी अय्याशी का प्रतीक बन गया।
था बड़ा सा तालाब
बता दें कि राजा ने पटियाला में लीला भवन नाम का एक खास महल बनवाया, जिसे ‘रंगरलियों का महल’ भी कहा जाता है। दीवान जरमनी दास की किताब महाराज के मुताबिक इस महल में किसी को भी बिना कपड़ों के ही प्रवेश मिलता था। इसके अलावा, महल में एक बहुत बड़ा तालाब था, जहां 150 लोग एक साथ नहा सकते थे। यहां शाही पार्टियां आयोजित की जाती थीं। इतिहासकारों के अनुसार, राजा की 365 रानियों में से केवल 10 को ही आधिकारिक पत्नी का दर्जा प्राप्त था। रानियों की सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता था। उनके लिए भव्य महल भी बनवाए गए थे। सुबह से लेकर शाम तक उनकी हर एक जरूरत का ध्यान रखा जाता था।
था इतना अमीर
रईसी की बात करें तो उनके पास 44 रॉल्स रॉयस कारें थीं, जिनमें से 20 का इस्तेमाल रोज किया जाता था। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध पटियाला हार में 234 कैरेट का डी बीयर्स हीरा जड़ा हुआ था। हालांकि यह हार 1948 में चोरी हो गया था और 1998 में इसके कुछ अवशेष लंदन में मिले थे। भूपेंद्र सिंह भारत के पहले ऐसे राजा थे जिनके पास निजी विमान और हवाई पट्टी थी।





