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Sat, Dec 20, 2025

वायुसेना की बढ़ती ताकत, HAL को तेजस MK1A लड़ाकू विमान के लिए विंग असेंबली का पहला सेट मिला

Written by:Mini Pandey
Published:
डॉ. सुनील ने कहा कि एचएएल बड़े और छोटे-मध्यम उद्यमों (एसएमई) के साथ मिलकर एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है।
वायुसेना की बढ़ती ताकत, HAL को तेजस MK1A लड़ाकू विमान के लिए विंग असेंबली का पहला सेट मिला

लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की ओर से निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस एमके1ए के पहले विंग असेंबली सेट को कोयंबटूर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा गया। रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने वर्चुअल रूप से इस आयोजन में भाग लिया जबकि एचएएल की ओर से एम अब्दुल सलाम ने एलएंडटी की प्रेसिजन मैन्युफैक्चरिंग एंड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स इकाई से असेंबली प्राप्त की। इस अवसर पर आत्मनिर्भरता की दिशा में एचएएल और एलएंडटी के संयुक्त प्रयासों की सराहना की गई।

रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने अपने संबोधन में एचएएल और एलएंडटी की साझेदारी को सराहा और निजी क्षेत्र के सहयोग से स्वदेशी क्षमता बढ़ाने के लिए एचएएल की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने तेजस के उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने का विश्वास जताया और विदेशी निर्भरता कम करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने इस हस्तांतरण को दोनों कंपनियों के समर्पण और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

डॉ. सुनील ने कहा कि एचएएल बड़े और छोटे-मध्यम उद्यमों (एसएमई) के साथ मिलकर एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है। निजी क्षेत्र में समानांतर विमान संरचनात्मक असेंबली लाइन स्थापित करने से तेजस कार्यक्रम की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। एलएंडटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी ने बताया कि कंपनी प्रति वर्ष चार विंग सेट की आपूर्ति करेगी, और उन्नत असेंबली प्रक्रियाओं व स्वचालन के माध्यम से इसे 12 सेट तक बढ़ाने की योजना है।

तेजस एमके1ए की क्षमताएं

एलसीए तेजस एमके1ए एक उन्नत सिंगल-सीट, सिंगल-इंजन, मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। यह 1350 किमी/घंटा की अधिकतम गति, 3,650 किमी की रेंज और 50 हजार फीट की सेवा सीमा के साथ अत्याधुनिक एवियोनिक्स, रडार और मिसाइल सिस्टम से लैस है। यह स्वदेशी तकनीक का प्रतीक है जो भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाता है।