MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

केवाईसी के नाम पर हो रही लोगों से धोखाधड़ी, यहां जानिए कैसे इससे बच सकते हैं?

Written by:Rishabh Namdev
Published:
बता दें कि केवाईसी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं और निजी जानकारी का उपयोग करके अवैध गतिविधियां कर रहे हैं। ऐसे में आपको ऐसे फ्रॉड से सावधान रहना चाहिए।
केवाईसी के नाम पर हो रही लोगों से धोखाधड़ी, यहां जानिए कैसे इससे बच सकते हैं?

साइबर अपराधी अपराध के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से इनपर लगाम लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन हर समय कुछ न कुछ नया तरीका निकाल लिया जाता है। वहीं अब यह अपराधी केवाईसी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। केवाईसी के नाम पर जानकारी जुटाकर यह अपराधी लोगों के नाम पर लोन और अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। दरअसल हाल ही में केवाईसी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।

बता दें की केवाईसी बैंकों द्वारा और अन्य संसाधनों द्वारा की जाती है, ताकि इससे कस्टमर की पहचान हो सके और कस्टमर की ऑथेंटिसिटी वेरीफाई की जा सके। वही इस प्रक्रिया का फायदा अब साइबर अपराधी द्वारा उठाया जा रहा है और लोगों से निजी जानकारी जुटाई जा रही है। निजी जानकारी के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।

कैसे किया जा रहा है लोगों के साथ अपराध

जानकारी के मुताबिक साइबर अपराधी सबसे पहले केवाईसी का झांसा देते हैं। केवाईसी के नाम पर लोगों से पर्सनल जानकारी या डॉक्यूमेंट जुटाते हैं और बाद में इन डॉक्यूमेंट की मदद से लोन के लिए अप्लाई करते हैं। वहीं इन डॉक्यूमेंट की मदद से यह अपराधी गैर-कानूनी ट्रांजैक्शन भी कर रहे हैं। दरअसल यूजर्स के केवाईसी के डॉक्यूमेंट के साथ छेड़छाड़ कर यह अपराधी ऐसी गैर-कानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। छेड़छाड़ के चलते लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है और उन्हें यह समझ नहीं आता है, कि उनके अकाउंट में गैर कानूनी गतिविधि हो रही है। ऐसे में यूजर्स को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कैसे बचा जा सकता है ऐसे फ्रॉड से?

वही इस धोखाधड़ी से बचने के लिए यूजर्स को हर समय अलर्ट रहना बहुत जरूरी है। अपनी निजी जानकारी को किसी अन्य को शेयर नहीं करना चाहिए। यदि कोई आपसे केवाईसी संबंधित जानकारी जुटा रहा है या अकाउंट डिटेल मांग रहा है, तो सबसे पहले आपको आधिकारिक संस्थान से इसके बारे में जानकारी लेना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि कोई भी बैंक या अन्य संस्थान अपने ग्राहकों से कभी भी ओटीपी पासवर्ड और पिन नंबर की जानकारी नहीं जुटाती हैं। इसके साथ ही आजकल अधिकारी बनकर भी निजी जानकारी जुटा जा रही है। ऐसे में इस तरह के फ्रॉड से बचना भी जरूरी हो गया है। कभी भी वेरीफाइड सोर्स को या ऐप को डाउनलोड करते समय परमिशन न दें। अपने आधार और पेन की संख्या कभी भी किसी को ना शेयर करें। यदि आपके साथ कोई साइबर क्राइम की घटना होती है, तो जल्द से जल्द इस साइबर क्राइम पर रिर्पोटिंग पोर्टल पर रिपोर्ट करें।