नई दिल्ली।
भारतीय वायुसेना की सर्च टीम ने आज सुबह AN-32 की क्रैश साइट का पता लगा लिया है। उस विमान में कोई भी जीवित नहीं मिला है। किसी भी जवान के जीवित नहीं मिलने के बारे में सेना ने सभी 13 यात्रियों के परिवारों को सूचना पहुंचा दी है।
इस हादसे में इन जवानों ने गवाई जान
सर्च टीम के अनुसार कोई भी जवान जिंदा नहीं मिला है। इस बड़े हादसे में जीएम चार्ल्स, एच विनोद, आर थापा, ए तंवर, एस मोहंती, एमके गर्ग, केके मिश्रा, अनूप कुमार, शेरीन, एसके सिंह, पंकज, पुताली और राजेश कुमार ने अपनी जान गवाई है। घटना स्थल से शवों को लाने के लिए विमान का इस्तेमाल किया जाएगा।
यह था पूरा मामला
आपको बता दें कि जोरहाट से चीन की सीमा के पास अरुणाचल के मेंचुका के लिए उड़ान भरने वाला वायुसेना का AN-32 विमान 3 जून दोपहर करीब एक बजे लापता हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो गायब हुए विमान में 13 लोग मौजूद थे। विमान के गायब हो जाने के बाद से ही एयरफोर्स एयरफोर्स की सर्च टीम लगातार विमान को ढूंढ़ने में लगी हुई थी। बुधवार को पहली बार गायब हुए विमान का मलबा एक पहाड़ी पर देखा गया था। यह पहाड़ी बहुत ऊंचाई और घने जंगलों के बीच में है, ऐसे में रेस्क्यू टीम को यहां तक पहुंचने में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा।
इसी जगह पर पहले भी हो चूका है ऐसा हादसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पहले भी कई बार ऐसे विमानों का मलबा मिला है, जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लापता हो गए थे। हाल ही में 2016 में ऐसी घटना सामने आई थी, जब एक विमान (एएन-32) बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था।
विमान की तकनिकी पर भी उठ चुके है सवाल
3 जून को जब विमान लापता हुआ था तब मीडिया में ऐसी बाते भी सामने आई थी कि लापता विमान अपग्रेड नहीं था। तकनीक की गड़बड़ी से विमान के
लापता होकर रास्ताभटक जाने की बाते भी चर्चाओं में आई थी।