सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, तबादलों से बैन हटा, आदेश जारी, जानें कब से कब तक होंगे ट्रांसफर?

आदेश के तहत प्रारंभिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग में तबादले नहीं होंगे। इसके अलावा वोटर लिस्ट के अपडेशन में लगे अफसर कर्मचारियों के तबादलों पर 7 जनवरी तक प्रतिबंध रहेगा। इन कर्मचारियों के तबादले 8 तारीख से होंगे।

Pooja Khodani
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Rajasthan Employees News: राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। नए साल से पहले भजनलाल सरकार ने प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने  10 दिन के लिए तबादलों से बैन हटाने का फैसला किया है। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।

सरकारी आदेश के तहत, अब नए साल में 1 जनवरी से लेकर 10 जनवरी तक शिक्षा विभाग को छोड़कर विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जा सकेंगे।यह आदेश राज्य के समस्त निगमों, मंडलों, बोर्डों और स्वायत्तशासी संस्थाओं पर भी लागू होगा। इस फैसले के बाद अब मंत्री और विधायक अपने चहेते अफसरों को मनपसंद जगह पर ट्रांसफर करा सकेंगे।

इन कर्मचारियों के नहीं होंगे अभी तबादले

आदेश में स्पष्ट लिखा है कि  स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा/कॉलेज शिक्षा विभाग व तकनीकी शिक्षा विभाग में लगे अफसरों और कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। इन विभागों के अफसरों और कर्मचारियों को फिलहाल और इंतजार करना होगा। इसके अलावा वोटर लिस्ट के अपडेशन में लगे कर्मचारियों का भी तबादला 7 जनवरी तक नहीं होगा। इन कर्मचारियों के तबादले 8 तारीख से होंगे। ऐसे में इनके लिए बैन केवल 3 दिन ही खुला रहेगा।

इससे पहले फरवरी में हटा था बैन

गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद दूसरी बार तबादलों से बैन हटाया गया है। तबादलों पर यह बैन 20 फरवरी 2024 से लागू था। इससे पहले 10 से 20 फरवरी तक ही तबादले की अनुमति दी गई थी और अब एक बार फिर जनवरी में 10 दिन के लिए तबादलों से बैन हटाया गया है। मंत्री विधायक लंबे समय से तबादलों से बैन हटाने की मांग कर रहे थे। सीएम के साथ विधायकों की फीडबैक बैठकों में भी तबादलों से जल्द बैन हटाने की मांग उठाई गई थी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, तबादलों से बैन हटा, आदेश जारी, जानें कब से कब तक होंगे ट्रांसफर?


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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