3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों-पेंशनरों को सौगात, DA बढ़ा, 4 महीने का एरियर भी मिलेगा , कैबिनेट की मंजूरी,जून से खाते में बढ़कर आएगी सैलरी

झारखंड के कर्मचारियों पेंशनरों को जनवरी 2025 से 55 फीसदी डीए का लाभ मिलेगा। जनवरी से अप्रैल 2025 तक का एरियर भी दिया जाएगा। इस वृद्धि से राज्य के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

Jharkhand Employees DA Hike: झारखंड के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने भी 7वें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों व पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने राज्य कर्मियों व पेंशनरों का मंहगाई भत्ता 2 फीसदी बढ़ा दिया है, जिसके बाद डीए 53 से बढ़कर 53 फीसदी पहुंच गया है।

दरअसल, गुरूवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें कुल 34 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।इसमें सबसे अहम सरकारी कर्मियों को देय महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी गई है, जिसके बाद डीए 55 प्रतिशत पहुंच गया है।नई दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी ऐसे में जनवरी से अप्रैल 2025 तक का एरियर भी दिया जाएगा। इस वृद्धि से राज्य के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

पिछले साल 7 फीसदी बढ़ा था डीए

पिछली बार दिसंबर 2024 में हेमंत सोरेन सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों पेंशनरों का मंहगाई भत्ता जुलाई 2024 से 3 फीसदी बढ़ाया था, जिसके बाद डीए 50 से बढ़कर 53 फीसदी पहुंच गया था। इससे पहले मार्च में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जनवरी 2024 से 4 फीसदी बढ़ाया था, जिसके बाद डीए 46% से बढ़कर 50% पहुंच गया था।

अबतक इन राज्यों का बढ़ चुका है DA

केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और राहत की दरों में 2% की वृद्धि कर दी, जिसके बाद जनवरी 2025 से डीए 53% से बढ़कर 55% हो गया है। केंद्र के बाद अब राज्य सरकारों ने भी डीए वृद्धि की घोषणा करना शुरू कर दिया है।अबतक राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश , हरियाणा, गुजरात, असम, अरूणाचल प्रदेश और ओडिशा सरकार ने अपने कर्मचारियों पेंशनरों का DA बढ़ा दिया है।नई दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी, ऐसे में एरियर भी मिलेगा।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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