IRCTC Tirupati Temple Tour : यदि आप धार्मिक यात्राओं पर जाना चाहते हैं और दक्षिण भारत आपकी पसंदीदा जगह है तो आईआरसीटीसी का ये टूर आपके लिए बहुत खास है, इस टूर में आप दुनियाभर में सबसे अमीर और प्रसिद्द तिरुपति मंदिर के दर्शनों के साथ अन्य प्रसिद्द मंदिरों के दर्शन भी कर पाएंगे।
इस टूर के लिए सूरत से उड़ान भरेगा हवाई जहाज
आईआरसीटीसी का ये एयर टूर 3 रात 4 दिन का है इसके लिए हवाई जहाज सूरत से 1 दिसंबर को उड़ान भरेगा, चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुँचने के बाद यात्रियों को मंदिरों के दर्शन कराये जायेंगे, यात्रियों के लिए रुकने की व्यवस्था आईआरसीटीसी ने ही की है यानि आपको “कहाँ रुकना है” ये चिंता नहीं करनी है।
इतना खर्च करना होगा किराया
आईआरसीटीसी के मुताबिक यात्रियों को कम्फर्ट क्लास में यात्रा कराई जाएगी, इसके लिए किराया भी निर्धारित कर दिया गया है, यदि सिंगल व्यक्ति इस टूर पर जाता है तो उसे 30,400/- रुपये का टिकट लेना होगा, दो व्यक्तियों के लिए किराया 24,900/- प्रति व्यक्ति होगा और तीन व्यक्तियों के एक साथ यात्रा करने पर किराया 24,000/- रुपये प्रति व्यक्ति होगा। बच्चों का किराया अलग से लगेगा।
इन पांच मंदिरों के दर्शन इस टूर में शामिल
- भगवान वेंकटेश्वर, जिन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, बालाजी एक हिंदू देवता हैं जो भगवान विष्णु के अवतार हैं। भगवान वेंकट भारत में आंध्र प्रदेश के तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के इष्टदेव हैं, जो दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यह भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।
- पद्मावती देवी मंदिर सबसे प्रसिद्ध स्थान है जो तिरुपति से सिर्फ 5 किमी दूर स्थित है। तिरुचानूर शहर में श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर स्थित है। मान्यता है तिरुचानूर में देवी के दर्शन के बिना तिरुपति की यात्रा अधूरी है। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार स्थानीय लोग कहते हैं कि भगवान वेंकटेश्वर आपकी प्रार्थनाएँ सुनें इसके लिए आपको देवी पद्मावती देवी को वो सब अर्पित करना चाहिए जो आप तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को करते हैं।
- श्री कल्याण वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, ये तिरूपति के श्रीनिवास मंगापुरम में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह मंदिर विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और उन्हें कल्याण वेंकटेश्वर कहा जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस मंदिर को राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- कनिपकम विनायक मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी की शुरुआत में चोल राजा कुलोथुंगा चोल प्रथम द्वारा किया गया था और 1336 में विजयनगर राजवंश के सम्राटों द्वारा इसका और विस्तार किया गया था।
- श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर देखने लायक है, यह तमिलनाडु के दक्षिणी वेल्लोर में तिरुमलाईकोडी में स्थित है। स्वर्ण मंदिर एक आध्यात्मिक पार्क के अंदर स्थित है, एक स्टार पाथ मंदिर आने वालों को इसकी ओर ले जाता है।
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— IRCTC (@IRCTCofficial) November 20, 2023