OLD PENSION SCHEME : हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। राज्य में 1 अप्रैल 2023 से पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद एनपीएस शेयर कटौती बंद हो गई है, ऐसे में अब जल्द ही कर्मचारियों के जीपीएफ खातों के खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव के बाद पुरानी पैंशन बहाली का लेकर अंतिम अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसका लाभ प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियो-पेंशनरों को मिलेगा ।
एनपीएस कटौती बंद, जल्द खुलेंगे जीपीएफ खाते
दरअसल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड और पंजाब के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी 1 अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। वित्त विभाग द्वारा सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत पुरानी पेंशन बहाल करने का आदेश भी जारी किया जा चुका है। वही एनपीएस बंद होने के बाद अब अप्रैल माह के वेतन से मई में होने वाली कटौती नहीं होगी।हिमाचल प्रदेश एनपीएस कर्मचारी संघ के महासचिव भरत शर्मा ने कर्मचारियों के एनपीएस शेयर कटौती को बंद किए जाने की पुष्टि की है।
एनपीएस शेयर कटौती बंद होने के बाद अब कर्मचारियों के जीपीएफ खातों के खुलने की प्रक्रिया शुरू जल्द शुरू होने की संभावना है। खबर है कि नगर निगम चुनाव के बाद पुरानी पैंशन बहाली का लेकर अंतिम अधिसूचना जारी की जा सकती है। अनुमान है कि मई में पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी जारी की जाएगी और कर्मचारियों से दोनों पेंशन में से एक को चुनने के लिए विकल्प मांगे जाएंगे।
इन कर्मचारियों का कट रहा था एनपीएस
बता दे कि अबतक राज्य में वर्ष 2003 के बाद के कर्मचारियों की सैलरी से एनपीएस शेयर काटा जा रहा था।कर्मचारियों के वेतन से हर माह 10 फीसदी वेतन कट रहा था, जो केंद्र सरकार के पैंशन फंड रैगुलेटरी एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के पास जमा हो रहा था। वही राज्य सरकार भी अपने हिस्से का 14 फीसदी अंशदान दे रही थी। इस तरह कुल मिलाकर 24 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार की पीएफआरडीए के पास जमा हो रहा था।
इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस फैसले से सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों कर्मचारियों को लाभ होगा और 20 साल या उससे अधिक की सेवा वाले कर्मचारियों को मूल वेतन का 50 प्रतिशत और पेंशन के रूप में डीए मिलेगा। जनवरी 2004 से OPS बंद कर दिया गया था और 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों को एनपीएस के तहत कवर किया गया था। NPS के दायरे में आने वाले 1.36 लाख कर्मचारी OPS से लाभांवित होंगे। अब हर महीने होने वाली पीएफआरडीए को जाने वाली 136 करोड़ की धनराशि पेंशन निधि के तहत नहीं जाएगी।